
Air India Crash Victims: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के क्रैश में मारे गए यात्रियों के शवों को लेकर नया विवाद सामने आया है। ब्रिटेन के दो परिवारों ने दावा किया है कि जो शव उन्हें सौंपे गए, वे उनके परिजन के नहीं थे। उनके वकील जेम्स हीली (James Healy) के अनुसार, DNA जांच में यह साबित हो गया कि दो शवों के नमूने परिजनों के सैंपल से मेल नहीं खाते।
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बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (Boeing 787-8 Dreamliner) विमान ने दोपहर 1:30 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और कुछ ही देर में मेघाणीनगर स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंशियल क्वार्टर्स में क्रैश कर गया। विमान में 242 लोग सवार थे जिनमें से केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा। अपार्टमेंट में भी कई लोगों की जानें गई थी। इस हादसा में कम से कम 275 लोगों की मौत हुई थी।
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शवों की पहचान का काम अहमदाबाद के सरकारी सिविल अस्पताल द्वारा किया गया जिसमें एयर इंडिया की कोई सीधी भूमिका नहीं थी। शवों को ब्रिटेन भेजने का काम केन्यॉन (Kenyon) नाम की इमरजेंसी सर्विस के ज़रिए Air India Cargo द्वारा किया गया।
टाटा समूह (Tata Group) के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने शवों की अदला-बदली की जांच की बात कही है लेकिन अभी तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
ब्रिटेन की प्रमुख लॉ फर्म स्टुअर्ट्स (Stewarts) ने आरोप लगाया है कि एयर इंडिया पीड़ित परिवारों पर मुआवज़ा पाने के लिए कानूनी जटिलताओं से भरे फॉर्म भरवाने का दबाव बना रही है। परिवारों को बिना किसी उचित मार्गदर्शन के गर्म मौसम में ये फॉर्म भरने के लिए मजबूर किया गया और अब उन पर फॉर्म जल्द जमा करने का दबाव भी डाला जा रहा है।
एयर इंडिया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हम पीड़ित परिवारों की तत्काल जरूरतों को देखते हुए अंतरिम मुआवज़ा देने की प्रक्रिया में तेजी से काम कर रहे हैं। कुछ ही दिनों में भुगतान शुरू कर दिया गया था।
हादसे के बाद टाटा समूह ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये (लगभग £85,000) देने की घोषणा की थी। इसके अलावा एयर इंडिया ने 25 लाख रुपये (लगभग £21,500) की अंतरिम मदद देने का वादा किया।