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MiG-21 रिटायरमेंट: 30 साल, 40 बदलावों के बाद तैयार तेजस Mk1A, जिसने किया भारत के सबसे पुराने फाइटर जेट को रिटायर

Tejas Mk1A to replace MiG-21 Retirement: MiG-21 आखिरकार रिटायर होने जा रहा है और उसकी जगह लेगा मेड इन इंडिया Tejas Mk1A। जानिए इसके फीचर्स, Uttam AESA Radar, Fly-by-Wire सिस्टम और Rs 36,468 Cr के Mega Deal की पूरी जानकारी। 

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Dheerendra Gopal
Published : Jul 22 2025, 10:50 PM IST
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मिग 21 की विदाई, तेजस की अगवानी
Image Credit : X

मिग-21 की विदाई, तेजस की अगवानी

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के पुराने लेकिन भरोसेमंद फाइटर जेट MiG-21 को अब आखिरकार रिटायर किया जा रहा है। 62 सालों की लंबी सेवा के बाद मिग-21 की ‘Made in India’ फाइटर जेट Tejas Mk1A अब जगह लेगा। यह फैसला इंडियन डिफेंस सेक्टर में एक बड़ी उपलब्धि है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा। फिलहाल दो स्क्वाड्रन – No.3 (Cobras) और No.23 (Panthers), जो राजस्थान के नाल एयरबेस पर हैं, MiG-21 Bison चला रहे हैं। इन्हीं स्क्वाड्रनों को अब Tejas Mk1A से अपग्रेड किया जाएगा। सितंबर 2025 से इनका एक्टिव सर्विस से रिटायरमेंट तय है।

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तेजस: एक लंबा इंतज़ार, अब उड़ान के लिए तैयार
Image Credit : Getty

तेजस: एक लंबा इंतज़ार, अब उड़ान के लिए तैयार

तेजस का सपना 1983 में देखा गया था, जब LCA (Light Combat Aircraft) प्रोजेक्ट को सरकार ने हरी झंडी दी। 1984 में ADA (Aeronautical Development Agency) की स्थापना हुई और उम्मीद थी कि 10 साल में विमान तैयार हो जाएगा। लेकिन तकनीकी जटिलताओं, वैश्विक प्रतिबंधों और डिजाइन में बदलावों की वजह से इस विमान को सेवा में आने में लगभग 30 साल लग गए।

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तेजस कैसे बना?
Image Credit : X- Eastern Naval Command

तेजस कैसे बना?

1969 में भारत ने तय किया कि वह खुद का फाइटर जेट बनाएगा। 1971 के युद्ध और 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों के बाद प्रतिबंधों ने परियोजना को धीमा कर दिया। 2001 में TD-1 (टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर) पहली बार उड़ा। तेजस को पूरी तरह विकसित करने में 40 से अधिक सुधार करने पड़े।

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पहली सफल उड़ान 2024 में पूरी हुई
Image Credit : our own

पहली सफल उड़ान 2024 में पूरी हुई

Tejas Mk1A की पहली सफल उड़ान 28 मार्च 2024 को हुई थी। ग्रुप कैप्टन के.के. वेंणुगोपाल (सेवानिवृत्त) ने इसे उड़ाया था। इस फाइटर जेट में Uttam AESA Radar, Fly-by-Wire System, Advanced Avionics, और Mission Computer जैसे टॉप टेक फीचर्स जोड़े गए हैं।

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Mk1A में ASPJ और रडार वार्निंग रिसीवर भी शामिल होगा
Image Credit : google

Mk1A में ASPJ और रडार वार्निंग रिसीवर भी शामिल होगा

Mk1A में कुल 9 हार्ड पॉइंट होंगे जो BVR मिसाइल, ASRAAM और Air-to-Ground वेपन्स को कैरी कर सकते हैं। इसमें एडवांस सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर (ASPJ) और रडार वार्निंग रिसीवर (RWR) भी शामिल होगा जो इसे इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के लिए तैयार बनाते हैं।

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83 तेजस के लिए 36 हजार करोड़ से अधिक की डील
Image Credit : Getty

83 तेजस के लिए 36 हजार करोड़ से अधिक की डील

HAL के साथ 83 तेजस Mk1A जेट्स के लिए 36,468 करोड़ रुपये की डील हो चुकी है। वहीं, नवंबर 2023 में 97 और तेजस जेट्स की डील को मंजूरी मिल गई है। हालांकि, इनकी डिलीवरी में अभी देरी हो रही है क्योंकि अमेरिकी GE F404 इंजन सप्लाई में दो साल का डिले है।

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‘The Tejas Saga’ किताब
Image Credit : our own

‘The Tejas Saga’ किताब

‘The Tejas Saga’ नामक किताब में एयर मार्शल फिलिप राजकुमार ने बताया है कि Tejas की कहानी 1969 में शुरू हुई थी। कई टेक्नोलॉजिकल और पॉलिटिकल चुनौतियों के बावजूद HAL और DRDO ने इस 4+ Generation Jet को पूरी तरह स्वदेशी तरीके से डेवलप किया।

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समय से तेजस नहीं मिला तो एयरफोर्स की ताकत में कमी
Image Credit : Getty

समय से तेजस नहीं मिला तो एयरफोर्स की ताकत में कमी

लेकिन आज IAF की 41 स्क्वाड्रन के बजाय सिर्फ 31 ऑपरेशनल स्क्वाड्रन हैं। अगर Tejas समय पर नहीं मिला तो MiG-29, Jaguar और Mirage जैसे पुराने जेट्स के रिटायरमेंट से IAF की ताकत में कमी आ सकती है। अब उम्मीद है कि Tejas Mk1A जल्द ही वायुसेना की रीढ़ बनेगा और MiG-21 की जगह नए युग की शुरुआत करेगा।

About the Author

DG
Dheerendra Gopal
धीरेंद्र गोपाल। 2007 से पत्रकारिता कर रहे हैं, 18 साल से ज्यादा का अनुभव। मौजूदा समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी में काम कर रहे हैं। पूर्व में अमर उजाला से करियर की शुरुआत करने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स और राजस्थान पत्रिका में रिपोर्टिंग हेड व ब्यूरोचीफ सहित विभिन्न पदों पर इन्होंने सेवाएं दी हैं। राजनीतिक रिपोर्टिंग, क्राइम व एजुकेशन बीट के अलावा स्पेशल कैंपेन, ग्राउंड रिपोर्टिंग व पॉलिटिकल इंटरव्यू का अनुभव व विशेष रूचि है। डिजिटल मीडिया, प्रिंट और टीवी तीनों फार्मेट में काम करने का डेढ़ दशक का अनुभव।
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