सार
भारतीय वायुसेना ने MiG-21 को विदाई दे दी है। इसके साथ भारतीय फाइटर जेट्स का एक युग समाप्त हो गया। यह ऐसा विमान रहा जो कि भारतीय वायुसेना के युद्धघोष हर काम देश के नाम को हमेशा सिद्ध करता था।
MiG-21 Farewell. भारतीय वायुसेना में फाइटर विमान MiG-21 को अंतिम विदाई दे दी गई है। अब यह भारतीय आसमान में फिर कभी दिखाई नहीं देगा। भारतीय वायुसेना के पीआरओ डिफेंस कर्नल अमिताभ शर्मा ने कहा कि उत्तरलाई में 30 अक्टूबर 2023 को अंतिम बार उड़ान भरते देखा गया। इस मौके को अविस्मरणीय बनाने के लिए मिग-21 के साथ सुखोई-30 एमकेआई ने भी उड़ान भरी। इस समारोह के दौरान तीनों सेनाओं के सैनिक मौजूद रहे और फाइटर प्लेन को अंतिम विदाई दी गई।
भारत-पाकिस्तान युद्ध में रहा था कारगर
वायुसेना के अधिकारियों ने बताया किय मिग-21 स्क्वाड्रन ने लगभग छह दशकों तक देश की सेवा की है। इस विमान ने भारत और पाकिस्तान युद्ध के दौरान बड़ा काम किया था। इसे ओरियल्स के नाम से जाना जाता है। ओरियल्स के नाम जाना जाने वाला स्क्वाइड्रन 1966 से ही मिग-21 का संचालन कर रहा था। अब इसकी जगह पर सुखोई-30 एमकेआई ले लेगा। जहां तक देश के रक्षा के बात है तो तो भारतीय वायुसेना अब नए-नए हथियारों, लड़ाकू विमानों, लेटेस्ट हेलीकॉप्टर से सुसज्जित हो रहा है। भारत स्वदेशी हथियारों के बारे में भी सोच रहा है।
क्यों हटाए जा रहे हैं पुराने विमान
मिग-21 के पुराने और हादसों का शिकार होने के कारण वायुसेना ने इनको बेड़े से हटाने का फैसला किया है। इसी साल मई में एक मिग विमान राजस्थान के गांव में गिर गया था। जहां तक मिग-21 से अभी तक 400 से अधिक हादसे हो चुके हैं। इसी कारण इसे उड़ता ताबूत भी कहा जाने लगा। मिग-21 को 2025 की शुरूआत तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। यह विमान पाकिस्तान के साथ कारगिल की लड़ाई तक काम आया है। भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमा को 1963 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। मौजूदा समय में देश के पास ऐसे 31 विमान हैं।
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