
नई दिल्ली। 12 जून को एयर इंडिया का प्लेन किस तरह से क्रैश हुआ इस सवाल का जवाब मिल गया है। अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश की शुरूआती रिपोर्ट में कुछ ऐसे फैक्ट्स सामने आए हैं, जिसने हर किसी को हैरानी में डाल दिया। एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो की एक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि कैसे टेकऑफ के कुछ ही सेकेंड के बाद दोनों इंजन अपने-आप बंद हो गए थे। इसके चलते 241 यात्रियों की जान चली गई।
एयर इंडिया की बोइंग 787-8 विमान के इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच उड़ान भरने केे कुछ ही सेकेंड के बाद बंद हो गए थे। इस बारे में जब विमान में मौजूद एक पायलट ने दूसरे पायलट से पूछा कि उसने फ्यूल कंट्रोल स्विच क्यों बंद किया तो इसका जवाब देते हुए दूसर पायलट ने कहा कि उसने ऐसा नहीं किया। ये सारी बात कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में दर्ज हो गई थी। दरअसल 15 पन्नों की शुरुआत रिपोर्ट अबतक जो भी प्रारंभिक सबूत और जानकारियां हाथ लगी है उसके हिसाब से उसे तैयार किया गया है।
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दोनों इंजन अचानक हुए बंद
रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया के विमान ने 12 जून 2025 को दोपहर 13:39 मिनट पर अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। फिर 32 सेकेंड्स के बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच एक सेकंड के अंतराल में रन से कटऑफ पोजीशन में चले गए थे। दोनों इंजन की पावर खत्म होने लगी। इसकी वजह से प्लेन की स्पीड और ऊंचाई तेजी से कम होने लगी। इसके अलावा रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि विमान किसी भी पक्षी से नहीं टकराया या फिर किसी भी पक्षी की वजह से ये हादसा नहीं हुआ है।
"मय डे मडे मडे" कहने के बाद थम गई सांसे
साथ ही AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के एक पायलट ने सुबह 8:09 यूटीसी के वक्त "मय डे मडे मडे" कहते हुए इमरजेंसी कॉल भी दी थी। जब एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने कॉल साइन के बारे में पूछा तो सामने से कोई जवाब नहीं आया। जैसे ही एटीसी ने प्लने को हवाई हड्डे की सीमा से बाहर जाते हुए देखा वैसे ही आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को एक्टिव कर दिया।
2018 की बुलेटिन ने पहले ही कर दिया था अलर्ट?
वहीं, हैरानी वाली बात ये है कि 2018 में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रैशन की तरफ से एक स्पेशल एयरवर्थीनेस इंफॉर्मेंशन बुलेटिन जारी किया गया था, जिसमें फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग फीचर के अपने आप बंद होने की बात सामने आई थी। इसको लेकर चेतावनी भी दी गई थी। 737 विमानों के ऑपरेटरों से मिली रिपोर्ट्स के आधार पर इस बुलेटिन को तैयार किया गया था। लेकिन FAA ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। साथ ही इसको लेकर किसी भी तरह के निर्देश जारी नहीं किए गए थे। वहीं, एयर इंडिया की तरफ से दी गई सूचना के मुताबिक ये बुलेटिन केवल सलाह के तौर पर जारी किया गया था। इसको लेकर किसी भी तरह का जरूर निर्देश नहीं था। इसी वजह से इसकी जांच प्रक्रिया नहीं की गई थी।