दुश्मनों की हवाइयां उड़ाने आ गई आकाश Prime मिसाइल; सक्सेस रही टेस्टिंग

भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत में एक और ईजाफ हो गया है। हवा में ही दुश्मनों के टार्गेट को नष्ट करने वाली आकाश प्राइम मिसाइल(Akash Prime missile) की टेस्टिंग सफल रही है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 28, 2021 2:20 AM IST

चांदीपुर, ओडिशा. दुश्मनों के टार्गेट को आसमान में ही नष्ट करने का भारतीय सेना को एक और हथियार मिल गया है। आकाश प्राइम मिसाइल(Akash Prime missile) की कल टेस्टिंग सफल रही है। तेज गति से टार्गेट को निशाना बनाने वाली यह मिसाल आकाश का अपग्रेड संस्करण है। इसका परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में सोमवार शाम को किया गया। यह दुश्मनों के मानवरहित हवाई टार्गेट को हवा में ही उड़ा देगी। यह मौजूदा आकाश मिसाइल सिस्टम से कई मायने में आधुनिक और बेहतर है।

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रक्षामंत्री ने दी बधाई
आकाश प्राइम मिसाइल के सक्सेस परीक्षण पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और रक्षा क्षेत्र में काम करने वालीं सार्वजनिक कंपनियों को बधाई दी। रक्षामंत्री ने कहा कि आकाश प्राइम मिसाइल से देश की सुरक्षा और पुख्ता होगी। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने टीम को बधाई दी।

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अग्नि 5 महामिसाइल से डरे दुश्मन
न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का भारत परीक्षण करने जा रहा है। इस मिसाइल का यह आठवां टेस्ट होगा। इस मिसाइल की रेंज पांच हजार किलोमीटर है। यानी चाइना के कई शहरों तक यह मिसाइल टारगेट करने की क्षमता रखती है। भारत ने इसी साल जून में अग्नि प्राइम का भी टेस्ट किया था और अग्नि-6 पर भी काम कर रहा है। क्लिक करके विस्तार से पढ़ें

भारतीय नौसेना और ओमान की रॉयल नेवी के बीच व्हाइट शिपिंग सूचना आदान-प्रदान के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर 
रॉयल नेवी ऑफ ओमान (सीआरएनओ) के कमांडर रीयर एडमिरल सैफ बिन नासिर बिन मोहसेन अल-रहबी और भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने 27 सितंबर को व्हाइट शिपिंग सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। नौसेना प्रमुख की ओमान की जारी यात्रा के दौरान मस्कट के समुद्री सुरक्षा केंद्र (एमएससी) में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ओमान की रॉयल नेवी और भारतीय नौसेना के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से आईएफसी-आईओआर, भारत और एमएससी, ओमान के माध्यम से मर्चेंट शिपिंग ट्रैफिक पर सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा होगी और इस क्षेत्र में समुद्री संरक्षा एवं सुरक्षा में वृद्धि होगी।

 

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