कार्यक्रम में 28 जनवरी को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी आईसीएमआर इंस्टीट्यूट्स के अलावा कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य व केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय एक साथ जुड़ेंगे।
नई दिल्ली। पीएम मोदी (PM Modi) मंगलवार को देश के किसानों को एक शानदार गिफ्ट देने जा रहे हैं। आईसीएमआर संस्थानों (ICMR) द्वारा विकसित जलवायु अनुकूल (climate resilient) फसलों (crops) की वेरायटी को किसानों को समर्पित करेंगे। 35 फसलों की नई वेरायटी के अलावा पीएम मोदी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस टॉलरेंस रायपुर ( National Institute of Biotic Stress Tolerance Raipur) के नवनिर्मित परिसर का भी लोकार्पण करेंगे।
कार्यक्रम में 28 जनवरी को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी आईसीएमआर इंस्टीट्यूट्स के अलावा कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य व केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय एक साथ जुड़ेंगे।
पीएम ग्रीन कैंपस अवार्ड के साथ किसानों से भी करेंगे बात
PM Modi कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड वितरित करेंगे, साथ ही उन किसानों के साथ बातचीत करेंगे जो नवीन तरीकों का उपयोग करते हैं और सभा को संबोधित करते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) मौजूद रहेंगे।
जानिए स्पेशल वेरायटी के फसलों के बारे में
जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल किस्मों को विकसित किया गया है। जलवायु परिवर्तन को झेलने में थोड़ा सक्षम और उच्च पोषक तत्व सामग्री जैसे विशेष लक्षणों वाली पैंतीस ऐसी फसल किस्मों को वर्ष 2021 में विकसित किया गया है। इन फसलों में चना की ऐसी किस्म जो सूखे की मार भी झेल सकता है। विल्ट और बांझ मोजेक प्रतिरोधी अरहर भी अब किसान पैदा कर सकेंगे। सोयाबीन की जल्दी पकने वाली किस्म और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला चावल भी विकसित किया गया है। इसके अलावा बायोफोर्टिफाइड गेहूं, बाजरा, मक्का और चना, क्विनोआ, बकवीट, विंग्ड बीन, फैबा बीन आदि।
राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान का भी होगा लोकार्पण
रायपुर में राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान की स्थापना जैविक तनाव में बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान करने, मानव संसाधन विकसित करने और नीति सहायता प्रदान करने के लिए की गई है। संस्थान ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 से पीजी कोर्स शुरू कर दिए हैं।
ग्रीन कैंपस अवार्ड से छात्रों का होगा जुड़ाव
ग्रीन कैंपस अवार्ड्स की शुरुआत राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों को ऐसी प्रथाओं को विकसित करने या अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए की गई है जो उनके परिसरों को अधिक हरा-भरा और स्वच्छ बनाएगी, और छात्रों को 'स्वच्छ भारत मिशन', 'वेस्ट टू वेल्थ मिशन' में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी।
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