सार
सिलेबस बदलने के मनमानी फैसले के खिलाफ 41 पीजी क्वालिफाइड डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अब केंद्र सरकार को नीट पीजी (NEET PG) सुपर स्पेशलिटी परीक्षा 2021 को लेकर फटकार लगाई है। अंतिम समय में परीक्षा का सिलेबस (exam syllabus) बदले जाने पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टर्स को फुटबाल नहीं समझना चाहिए।
दरअसल, नीट पीजी सुपर स्पेशलिटी प्रवेश परीक्षा 2021 (NEET PG Super Speciality Entrance Exam 2021) का सिलेबस परीक्षा के दो महीने पहले ही बदल दिया गया है। मेडिकल पीजी क्वालिफाइड डॉक्टर्स के अनुसार 2018 में पैटर्न सामान्य चिकित्सा से 40% और सुपर स्पेशियलिटी से 60% प्रश्न का था जबकि इस बार अंतिम समय में बदलाव कर दिया गया। इसमें सामान्य चिकित्सा से 100% प्रश्न पूछे गए थे।
हम युवा डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों के भरोसे नहीं छोड़ सकते
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandchud) व जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice BV Nagratna) की बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सत्ता के खेल में इन युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझो। हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। सरकार अपने घर को दुरुस्त करे। सिर्फ इसलिए कि किसी के पास शक्ति है, आप इसका मन मुताबिक इस्तेमाल नहीं कर सकते। यह स्टूडेंट्स के करियर का सवाल है। अब आप अंतिम समय में बदलाव नहीं कर सकते।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने सवाल पूछा कि अगले साल से बदलाव क्यों नहीं करते? इसके बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार ने कहा, 'युवा डॉक्टरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) क्या कर रहा है? आप नोटिस जारी करते हैं और फिर पैटर्न बदल देते हैं? स्टूडेंट्स सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं। एग्जाम से पहले अंतिम मिनटों को बदलने की जरूरत क्यों है? आप अगले साल से बदलाव के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?'
मनमानी फैसले के खिलाफ स्टूडेंट्स चले गए थे कोर्ट
सिलेबस बदलने के मनमानी फैसले के खिलाफ 41 पीजी क्वालिफाइड डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इन युवा डॉक्टर्स के केस में सुनवाई करते हुए केंद्र को फटकारा और अधिकारियों की मीटिंग बुलाने तथा अगले सोमवार तक जवाब मांगा है।
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