सरकार ने संसद का बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा बुलाई गई यह परंपरागत बैठक 30 जनवरी को दोपहर में संसद एनेक्सी भवन में हुई।
नई दिल्ली. सरकार ने संसद का बजट सत्र(Budget Session of Parliament) शुरू होने से एक दिन पहले सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा बुलाई गई यह परंपरागत बैठक(customary meeting) 30 जनवरी को दोपहर में संसद एनेक्सी भवन में हुई। बैठक के दौरान सरकार ने संसद के सुचारू संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग मांगा।
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बैठक में वाईएसआर कांग्रेस ने राष्ट्रव्यापी जाति आधारित आर्थिक जनगणना(caste-based economic census) की मांग की। पार्टी ने कहा कि सामाजिक और विकास संकेतकों पर पिछड़ी जातियों की आर्थिक स्थिति को जानना आवश्यक है। वाईएसआर कांग्रेस के नेता विजयसाई रेड्डी ने कहा कि पिछड़ी जातियां कुल आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक हैं और जनगणना से उनकी आर्थिक स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी।
आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ दल जद (यू) और राजद की पसंद में शामिल हो गया है, दोनों ने जातिगत जनगणना की मांग की है। बिहार में महागठबंधन सरकार ने राज्यव्यापी जाति जनगणना शुरू की है।
रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में उनके लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए महिला कोटा विधेयक की भी मांग की। टीआरएस, टीएमसी और बीजद सहित दलों ने भी मांग का समर्थन किया।
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश कर रही हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का अंतिम बजट है। बजट पर न सिर्फ आम जनता बल्कि शेयर बाजार की भी निगाहें टिकी हुई हैं। निवेशकों को बजट से काफी उम्मीदें हैं। शेयर बाजार से जुड़े इन्वेस्टर्स चाहते हैं कि सरकार सिक्युरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में राहत दे। साथ ही और भी कई चीजें हैं, जिन्हें लेकर बाजार को बड़ी उम्मीदे हैं।
बहरहाल, सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों से ज्वलंत मामलों को उठाने और सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों को उजागर करने की उम्मीद थी।। इसके बाद एनडीए के फ्लोर नेताओं की बैठक भी फ्लोर सहयोग की रणनीति के लिए होगी। बजट सत्र दो भागों में होगा। सत्र की शुरुआत संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से होगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण(Economic Survey) पेश किया जाएगा।
अप्रैल-मई 2024 में भारत में आम चुनाव होने हैं। इस साल संसद में पेश किया जाने वाला बजट 'मोदी सरकार 2.0' का आखिरी पूर्ण बजट होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लिए एक संतुलित बजट पेश करने का यह अंतिम अवसर है। उम्मीद की जा रही है कि वह ऐसा बजट पेश करेंगी जो आम नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। लोगों की आमदनी बढ़ाएगा और आर्थिक सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाएगा। बजट भारत की उच्च विकास क्षमता को अनलॉक करेगा। बार्कलेज में इंडिपेंडेंट वैलिडेशन यूनिट (मॉडल रिस्क) के वाइस प्रेसिडेंट शिशु रंजन ने बताया है कि भारत को अगर अगले एक दशक तक दो अंकों की जीडीपी ग्रोथ चाहिए तो बजट में किस तरह के कदम उठाने होंगे। पढ़िए और क्या कहा उन्होंने?
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