सार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश कर रही हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का अंतिम बजट है। बजट पर न सिर्फ आम जनता बल्कि शेयर बाजार की भी निगाहें टिकी हुई हैं। निवेशकों को बजट से काफी उम्मीदें हैं।
Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश कर रही हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का अंतिम बजट है। बजट पर न सिर्फ आम जनता बल्कि शेयर बाजार की भी निगाहें टिकी हुई हैं। निवेशकों को बजट से काफी उम्मीदें हैं। शेयर बाजार से जुड़े इन्वेस्टर्स चाहते हैं कि सरकार सिक्युरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में राहत दे। साथ ही और भी कई चीजें हैं, जिन्हें लेकर बाजार को बड़ी उम्मीदे हैं।
बजट से शेयर मार्केट को हैं ये उम्मीदें :
1- कैपिटल गेन टैक्स में किसी भी तरह का बदलाव न किया जाए।
2- डायरेक्ट टैक्स रेट में भी कोई बदलाव न हो।
3- ओपन मार्केट के माध्यम से बायबैक पर लगने वाला डबल टैक्स हटना चाहिए।
4- गुड्स एंड सर्विस के निर्यात पर प्रोत्साहन देकर चालू खाता घाटा को कंट्रोल में लाने की जरूरत।
5- सरकार अपनी उधारी पर नियंत्रण रखे, ताकि सिस्टम में ब्याज दरें अधिक न बढ़ें।
शेयर बायबैक पर टैक्स घटने की उम्मीद :
बता दें कि कंपनियां कई बार ओपन मार्केट से एक निर्धारित कीमत पर अपने ही शेयरों को खरीदती हैं, इसे बायबैक कहा जाता है। हालांकि, कंपनियों को इन शेयरों को खरीदने के लिए भी टैक्स चुकाना पड़ता है। फिलहाल बायबैक पर अभी बायबैक पर 20 प्रतिशत टैक्स चुकाना होता है, जिसके चलते निवेशकों को उम्मीद से कम पैसा मिलता है। इससे उनका नेट रिटर्न और खर्च की क्षमता घट जाती है। शेयर बाजार को उम्मीद है कि सरकार बजट में इस टैक्स को कम करेगी।
कैपिटल गेंस टैक्स पर राहत की आस :
शेयर मार्केट में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स कैपिटल गेन्स टैक्स पर राहत चाहते हैं। ये दो टाइप का होता है। पहला शार्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स। बता दें कि किसी भी शेयर को एक साल से ज्यादा समय तक होल्ड रखने पर उससे होने वाली इनकम लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के तहत आती है। यानी उस पर टैक्स देना होता है। ऐसे में इन्वेस्टर चाहता है कि उसे इसमें राहत मिले।
बजट से पहले इन सेक्टर पर रखे नजर :
बता दें कि बजट और उससे जुड़ी खबरों का शेयर मार्केट पर सीधा असर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बजट से पहले बाजार के कुछ ऐसे सेक्टर्स हैं, जिन पर फोकस किया जा सकता है। इनमें रेलवे, कैपिटल गुड्स, डिफेंस और ग्रामीण सेक्टर शामिल हैं।
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