गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए हमारे संविधान की भावना को कई बार कुचली है। इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान भारत के लोगों पर निर्मम अत्याचार किए।
Amit Shah slams Congress: 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों का शपथ ग्रहण दो दिनों से चल रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं। 25 जून को आपातकाल लगाए जाने की बरसी है। आपातकाल थोपने को लेकर बीजेपी, कांग्रेस पर हमलावर है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए हमारे संविधान की भावना को कई बार कुचली है। इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान भारत के लोगों पर निर्मम अत्याचार किए। कांग्रेस के युवराज भूल गए कि उनकी दादी ने आपातकाल लगाया था।
अमित शाह ने इमरजेंसी के बहाने बोला कांग्रेस पर हमला
इमरजेंसी के बहाने अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर कुछ क्लिपिंग्स शेयर किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा कि कांग्रेस ने एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए कई बार हमारे संविधान की भावना को कुचला। इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान भारत के लोगों पर निर्मम अत्याचार किए। कांग्रेस पार्टी के युवराज भूल गए हैं कि उनकी दादी ने आपातकाल लगाया था और उनके पिता राजीव गांधी ने 23 जुलाई 1985 को इस भयावह घटना पर गर्व करते हुए लोकसभा में कहा था, "आपातकाल में कुछ भी गलत नहीं है"। राजीव गांधी ने यहां तक कहा था, "अगर इस देश का कोई प्रधानमंत्री इन परिस्थितियों में आपातकाल को जरूरी समझता है और आपातकाल लागू नहीं करता है तो वह इस देश का प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं है।" तानाशाही कृत्य पर गर्व करने का उनका यह कृत्य दर्शाता है कि कांग्रेस को परिवार और सत्ता के अलावा कुछ भी प्रिय नहीं है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के कई नेताओं व सांसदों ने पीएम मोदी के 400 पार वाले नारे को लेकर बयान दिया कि लोग 400 सीटें जीता दें ताकि संविधान को बदला जा सके। बीजेपी नेताओं के बयान को कांग्रेस व विपक्ष ने मुद्दा बना दिया और संविधान बदलने का आरोप लगाते हुए पूरे चुनाव में इसे दोहराया। हालांकि, बीजेपी शीर्ष नेतृत्व संविधान बदलने की बात नकारती रही लेकिन पार्टी के कई बड़े नेताओं के सार्वजनिक मंचों पर संविधान बदलने वाले बयान से लोगों में संविधान बदलने की साजिश वाला संदेश गया। इन बयानों से बीजेपी को भारी नुकसान हुआ तो विपक्ष को सीटों के मामले में काफी बढ़त मिली। बीजेपी दस साल बाद अकेले अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं पा सकी और 240 पर सिमट गई है। बीजेपी इस बार अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर बहुमत पा सकी है। एनडीए दलों के सांसदों की संख्या 293 है।
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