छत्तीसगढ़ में सुबह 5.28 बजे 4.8 तीव्रता का भूकंप, साल में करीब 6200 झटके आते हैं

छत्तीसगढ़ में शुक्रवार(14 अक्टूबर) को भूकंप के झटके महसूस किए गए। अंबिकापुर में सुबह लगभग 5.28 बजे 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी।

रायपुर. छत्तीसगढ़ में शुक्रवार(14 अक्टूबर) को भूकंप के झटके महसूस किए गए। अंबिकापुर में सुबह लगभग 5.28 बजे 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। भूकंप का झटका महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकलते देखे गए। फिलहाल किसी जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। इससे पहले 30 सितंबर को मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके आए थे।

जानिए भारत का कौन-सा राज्य भूकंप के किस जोन में
भू वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में हर जगह भूकंप का खतरा बना रहता है, लेकिन कुछेक राज्य ही ऐसे हैं, जो सेंसेटिव जोन में आते हैं। यानी यहां तीव्रता के भूकंप आने की डर हमेशा रहता है। भारत को चार हिस्सों यानि जोन में बांटा गया है। जैसे जोन-1, जोन-2, जोन-3, जोन-4 तथा जोन-5। इसमें सबसे कम खतरे वाला जोन-2 है, जबकि जोन-5 में सबसे अधिक खतरा होता है।

Latest Videos

जोन-एक: पश्चिमी मध्यप्रदेश, पूर्वी महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और उड़ीसा के हिस्से। यहां भूकंप का खतरा बेहद कम होता है।

जोन-दो: तमिलनाडु, राजस्थान और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा। यहां अकसर भूकंप की आशंका बनी रहती है।

जोन-तीन: केरल, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिमी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा। यहां भी भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं।

जोन-चार : मुंबई, दिल्ली जैसे महानगर, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी गुजरात, उत्तरांचल, उत्तरप्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार-नेपाल सीमा के इलाके। इस जोन में भी भूकंप का खतरा हमेशा मंडराता रहता है।

जोन-पांच : गुजरात का कच्छ इलाका, उत्तरांचल का एक हिस्सा और पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्य सबसे खतरनाक जोन में शामिल हैं। यहां बड़े भूकंप का खतरा बना रहता है।

जहां तक छत्तीगढ़ की बात है, तो भूकंप के लिहाज से छत्तीसगढ़ के ज्यादातर हिस्से सेफ जोन (सुरक्षित) में आते हैं। यानि यहां भूकंप आने की आशंका बहुत कम होती है। हालांकि भू गर्भ विशेषज्ञों का मानना है कि बेशक छत्तीसगढ़ की धरती में आमतौर पर भूकंप का केंद्र नहीं हो सकता है, लेकिन अन्य जगहों पर आने वाले भूकंप का असर यहां भी पड़ता है। अगर दूसरी जगह तीव्रता का भूकंप आता है, तो यहां नुकसान हो सकता है।

अब जानिए किस तीव्रता के भूकंप से कितना नुकसान

2.0 तीव्रता. रिएक्टर स्केल पर इस तीव्रता के भूकंप रोज करीब आठ हजार आते हैं, लेकिन ये महसूस नहीं होते।

2.0 से लेकर 2.9 की तीव्रता: रोज करीब हजार झटके आते हैं, लेकिन ये भी महसूस नहीं होते।

3.0 से लेकर 3.9 की तीव्रता: रिक्टर स्केल पर इस तीव्रता के झटके साल में करीब 49 हजार बार आते हैं। ये भी महसूस नहीं होते, पर मामूली नुकसान कर देते हैं।

4.0 से 4.9 की तीव्रता: साल में लगभग 6200 बार दर्ज किए जाते हैं। ये झटके महसूस होते हैं और नुकसान भी कर देते हैं।

5.0 से 5.9 तीव्रता: ये साल में लगभग 800 बार महसूस होते है। ये नुकसान पहुंचाते हैं।

6.0 से 6.9 तक की तीव्रता: साल में लगभग 120 बार दर्ज किए जाते हैं। ये 160 किलोमीटर तक के दायरे में बड़ा नुकसान कर देते हैं।

7.0 से लेकर 7.9 तक की तीव्रता: ये तबाही का कारण बनते हैं। ये साल में लगभग 18 बार आते हैं।

8.0 से लेकर 8.9 तक की तीव्रता: यह भूकंप सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में भयंकर तबाही ला देता है। हालांकि  ये साल में कभी-कभार ही आते हैं।

9.0 से लेकर 9.9 तक की तीव्रता: यह भूकंप विनाश ला देता है। हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में तबाही आ जाती है। ये 20 साल में एक बार आने की आशंका होती है।

यह  भी पढ़ें
खतरों से खेलने में माहिर हैं एक मुस्लिम देश की आदिवासी महिलाएं, जानिए कौन हैं ये बख्तियारी लोग
UN और रेड क्रॉस की चेतावनी-आने वाले दशक में 'लू' लोगों का जीना मुहाल कर देगी, सहन नहीं हो पाएगी गर्मी

 

Share this article
click me!

Latest Videos

कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?
फर्स्ट टाइम तिरुपति बालाजी के दरबार पहुंचे Arvind Kejriwal, बताया क्या मांगी खास मन्नत
अब नहीं चलेगा मनमाना बुलडोजर, SC के ये 9 रूल फॉलो करना जरूरी । Supreme Court on Bulldozer Justice
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच
SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस