भारी मात्रा में बारूद के साथ तीन women naxal अरेस्ट, Vizag Police को बड़ी सफलता

आम नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को निशाना बनाने जैसी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। 2009 में अब तक की सर्वाधिक 2258 घटनाएं हुई थी जो कम होकर वर्ष 2020 में 665 हो गई है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 6, 2021 4:21 PM IST

विशाखापट्टनम। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में नक्सलियों (naxals) के खिलाफ कार्रवाई में बड़ी सफलता हाथ लगी है। विशाखापट्टनम (Vishakhapatnam) में पुलिस का दावा है कि तीन महिला नक्सलियों (women Naxalites) को अरेस्ट किया गया है। इनके पास से काफी मात्रा में बारूद भी बरामद किया गया है।

कई हमलों में सक्रिय रहीं हैं गिरफ्तार नक्सली

विशाखापट्टनम जिले के मम्पा थाना क्षेत्र पुलिस (Mampa Police) के मुताबिक तीनों महिला नक्सली कई हमलों में सक्रिय रही हैं। पुलिस ने इनसे दो स्टील बॉक्स बरामद किए हैं। इनमें दो सुरंग उड़ाने के बराबर बारूद और 6 डेटोनेटर भरे हुए थे।

नक्सली गतिविधियों में आई हैं कमी

केंद्र सरकार (Central Government) ने संसद में बताया है कि देश में नक्सली हिंसा (Naxal Violence) की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नक्सलियों का विस्तार भी कम हो रहा है। आम नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को निशाना बनाने जैसी घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। 2009 में अब तक की सर्वाधिक 2258 घटनाएं हुई थी जो कम होकर वर्ष 2020 में 665 हो गई है।

पहले से ज्यादा सुरक्षित आम आदमी

सरकार के मुताबिक नक्सली हमलों में जान गंवाने वाले आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों (Security Forces) की संख्या में भी 80 प्रतिशत की कमी आई है। इन घटनाओं में 2010 में अब तक सर्वाधिक 1,005 आम नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। यह 2020 में 183 हो गई है। नक्सली हिंसा का भौगोलिक विस्तार भी सीमित हो गया है। 2013 में 10 राज्यों के 76 जिलों में उग्रवाद की तुलना में केवल 9 राज्यों 53 जिलों ने वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की सूचना दी।  

देश के 11 राज्यों में नक्सलियों का नेटवर्क 

छत्तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, उत्‍तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में नक्सलियों का नेटवर्क रहा है। इन राज्यों के 90 जिलों में नक्‍सलियों का मूवमेंट और नेटवर्क दोनों है। केंद्र और राज्‍य सरकारों के प्रयासों की वजह से पिछले सात सालों में देशभर में जवानों की शहादत में काफी कमी आई है। हालांकि, अभी भी दंतेवाड़ा और गढ़चिरौली दो ऐसी जगहें हैं जो नक्‍सलियों का गढ़ बनी हुई हैं। 

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