विवाद में एक और ऑफिसर: विकलांग बताकर बने IAS, अब कर रहे घुड़सवारी, फोटो वायरल

Published : Jul 18, 2024, 03:00 PM ISTUpdated : Jul 18, 2024, 03:07 PM IST
Praful Desai

सार

पूजा खेडकर (Puja Khedkar) के बाद एक और आईएएस ऑफिसर विवाद में हैं। इनका नाम प्रफुल देसाई है। वह खुद को विकलांग बताकर IAS बने थे। उनकी घुड़सवारी करने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की गईं हैं। 

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर (Puja Khedkar) पर फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने का आरोप है। सरकार इस मामले की जांच कर रही है। इस बीच एक अन्य आईएएस अधिकारी प्रफुल देसाई विवादों में आ गए हैं। उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं हैं। 

2019 बैच के आईएएस अधिकारी प्रफुल देसाई ने ऑल इंडिया रैंक 532 हासिल किया था। वह EWS (Economically Weaker Section) और विकलांगता कैटेगरी से परीक्षा में शामिल हुए थे। उन्होंने खुद को आर्थोपेडिक रूप से विकलांग बताया था। हैरानी की बात यह है कि जिस व्यक्ति में 2019 में हड्डी से जुड़ी विकलांगता थी वह चार साल में इस कदर ठीक हो गया कि घुड़सवारी, साइकिलिंग और रिवर राफ्टिंग कर रहा है।

 

 

सोशल मीडिया पर प्रफुल देसाई के घुड़सवारी करते, पहाड़ी इलाके में साइकिलिंग करते और रिवर राफ्टिंग का आनंद लेने के फोटो शेयर किए गए हैं। इसके साथ ही उनकी विकलांगता को लेकर शक जताया गया है। सवाल किया जा रहा है कि क्या लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) की ट्रेनिंग से वह पूरी तरह से ठीक हो गए हैं? सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद देसाई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को प्राइवेट बना दिया है। इससे उनके इरादों को लेकर लोगों का शक गहरा हो गया है।

क्या शारीरिक रूप से विकलांग होना और दूसरों की तरह सामान्य जीवन जीने की कोशिश करना गलत है?

प्रफुल देसाई ने वायरल पोस्ट का जवाब देते हुए सवाल किया कि क्या शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति के लिए अपनी सीमाओं को पार करना और सामान्य जीवन जीने का प्रयास करना गलत है? देसाई ने लोगों से अनुरोध किया कि पूरी जानकारी के बिना किसी के बारे में निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह किसी भी मेडिकल बोर्ड की जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।

देसाई ने अपनी पोस्ट में कहा, “पूरी जांच के बाद एम्स दिल्ली के मेडिकल बोर्ड ने प्रमाणित किया कि मैं बेंचमार्क विकलांगता वाला व्यक्ति हूं। मैं 2018 में परीक्षा पास नहीं कर सका था। यूपीएससी परीक्षा 2019 के दौरान मैंने फिर से एम्स दिल्ली के मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित हुआ। फिर से जांच के बाद एम्स दिल्ली में मेडिकल बोर्ड ने प्रमाणित किया है कि मैं बेंचमार्क विकलांगता वाला व्यक्ति हूं।”

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