राजस्थान का भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, उत्तर प्रदेश का यह जिला 2nd नंबर पर

Air polution in india report : दिल्ली लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी बनी है। यहां पिछले साल की अपेक्षा 15 फीसदी प्रदूषण बढ़ा है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 22, 2022 1:25 PM IST / Updated: Mar 22 2022, 07:31 PM IST

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़ गया है। स्विस फर्म IQAir द्वारा 2021 की एयर क्वालिटी रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन साल से हवा की गुणवत्ता में जो सुधार हो रहा था, अब वह बंद हो गया है। पीएम 2.5 का औसत स्तर 58.1 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एयर क्वलिटी गाइडलाइंस से 10 गुना अधिक है। भारत का कोई भी शहर WHO के मानक पर खरा नहीं उतरा।

दिल्ली में सीमा से 20 गुना ज्यादा प्रदूषण
उत्तर भारत बदतर है। दिल्ली लगातार चौथे वर्ष दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी। यहां पिछले वर्ष की तुलना में तकरीबन 15 प्रतिशत प्रदूषण बढ़ा है। यहां वायु प्रदूषण का स्तर डब्ल्यूएचओ की सुरक्षा सीमा से लगभग 20 गुना अधिक पाया गया। यहां पीएम2.5 का वार्षिक औसत 96.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, जबकि यह 5 माइक्रोग्राम तक ही सुरक्षित माना जाता है।

टॉप 15 प्रदूषित शहरों में से 10 भारत के 

देशराज्यशहरऔसत पीएम 2.5
भारतराजस्थानभिवाड़ी106.20
भारतउत्तर प्रदेशगाजियाबाद102
चीनशिनजिंगहोटान101.5
भारतदिल्लीदिल्ली96.4
भारतउत्तर प्रदेशजौनपुर95.3
पाकिस्तानपंजाबफैसलाबाद94.2
भारतउत्तर प्रदेशनोएडा91.4
पाकिस्तानपंजाबबहावलपुर91
पाकिस्तानखैबर पख्तूनख्वांपेशावर89.6
भारतउत्तर प्रदेशबागपत89.1
भारतहरियाणा हिसार89
भारतहरियाणा फरीदाबाद88.9
भारतउत्तर प्रदेशग्रेटर नोएडा87.5
भारतहरियाणा रोहतक86.9
पाकिस्तानपंजाबलाहौर86.5
 

भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
राजस्थान का भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद है। शीर्ष 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 10 भारत के हैं। इनमें से ज्यादातर राष्ट्रीय राजधानी के आसपास हैं। IQair ने बताया कि दिल्ल का वायु प्रदूषण डब्ल्यूएचओ के औसत मानक से 20 गुना अधिक है। 63 भारतीय शहर दुनिया के टॉप-100 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इनमें आधे से ज्यादा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से हैं। 

वायु गुणवत्ता ठीक तो 10 साल बढ़ सकता है जीवन 
शिकागो विश्वविद्यालय के एक अध्ययन और एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स के मुताबिक यदि वायु गुणवत्ता ठीक हो तो दिल्ली और लखनऊ जैसे शहरों के लोग भी अपनी आयु लगभग 10 साल अधिक कर सकते हैं। इसके मुताबिक वायु गुणवत्ता WHO की गाइडलाइंस के हिसाब से होनी चाहिए। 

यह हैं वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत 
रिपोर्ट में बताया गया है कि वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में वाहन उत्सर्जन, कोयले से चलने वाले पावर प्लांट, औद्योगिक अपशिष्ट, खाना पकाने के लिए बायोमास का इस्तेमाल और निर्माण क्षेत्र शामिल हैं। 2021 के नवंबर महीने में प्रदूषण बढ़ने के बाद दिल्ली में कई बड़े पावर प्लांट्स के साथ इंडस्ट्री पर भी रोक लगाई गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि ऐसे ही वायु प्रदूषण रहा तो हार्ट और फेफड़ों की बीमारियों और कई अन्य गंभीर बीमारियां जन्म लेंगी और हर मिनट में वायु प्रदूषण के कारण तीन मौतें होंगी।  

कोलकाता में 40 साल बाद इतनी खराब हुई हवा 
2021 में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में हवा की गुणवत्ता बहुत ही खराब हुई। कोलकाता में 83 दिनों तक एयर क्वालिटी खराब रही। 40 साल में वहां पहली बार ऐसा हुआ था। इसके अलावा दिल्ली में 'खराब' से 'गंभीर' वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 168 थी। इसमें 21 प्रतिशत का उछाल सिर्फ एक साल में आया। हालांकि, 2020 में वर्ल्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट को भारत सरकार ने खारिज कर दिया था। सरकार का कहना था कि यह रिपोर्ट ग्राउंड डेटा के आधार पर नहीं बनी है, जबकि IQAir का कहना था कि इसका डेटा "विशेष रूप से" ग्राउंड सेंसर पर आधारित है। 

पराली का भी रिपोर्ट में उल्लेख
रिपोर्ट में धान की पराली जलने से निकलने वाले धुएं के बारे में उल्लेख किया गया है। यह देश में राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा बना। पार्टियां आमतौर पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतराती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह धुआं दिल्ली में 45 प्रतिशत तक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। सर्दियों के महीनों में धान की फसल कटाई के बाद खेत साफ करने के लिए पराली जलाई जाती है, इसलिए इसका असर बहुत ज्यादा होता है।  

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