रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का एक और कदम, सेना प्रमुख ने मेक इन इंडिया स्पेशल व्हीकल्स सेना में शामिल किए

Published : Apr 12, 2022, 06:27 PM IST
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का एक और कदम, सेना प्रमुख ने मेक इन इंडिया स्पेशल व्हीकल्स सेना में शामिल किए

सार

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लिए इस बार बजट 2022 में बड़े प्रावधान किए गए थे। इसके तहत सेना के वाहनों और उपकरणों की मेन्युफैक्चरिंग भारत में ही हो रही है। पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में शामिल होने वाले स्वदेशी सामानों की तीसरी लिस्ट भी जारी की थी।

नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष (COOS)जनरल एमएम नरवणे,  लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, उप थल सेना प्रमुख के साथ पुणे के दो दिवसीय दौरे पर हैं। 12 अप्रैल 2022 को बॉम्बे इंजीनियर ग्रुप (BEG) और केंद्र में आयोजित एक समारोह में सेना प्रमुख ने स्वदेशी रूप से विकसित क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल मीडियम (QFRV), इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल (IPMV), अल्ट्रा लॉन्ग रेंज ऑब्जर्वेशन के पहले सेट को शामिल किया। यह टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड (TASL) द्वारा विकसित प्रणाली और भारत फोर्ज द्वारा विकसित मोनोकोक हल मल्टी रोल माइन प्रोटेक्टेड आर्मर्ड व्हीकल हैं।

पिछले कई दशकों से सेना के वाहन बना रहा टाटा
सीओएएस ने भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल को मजबूत करने और पिछले दशकों से भारतीय सेना के साथ निरंतर जुड़ाव के लिए टाटा और भारत फोर्ज की सराहना की। टीएएसएल और भारत फोर्ज द्वारा इन स्वदेशी रूप से विकसित प्रणालियों को शामिल करने से भविष्य के संघर्षों में भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी। इस अवसर पर कई सेवानिवृत्त और सेवारत गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

भविष्य में जंग ‘हाइब्रिड' होगी, कंप्यूटर वायरस भी लड़ाई का हिस्सा होगा : एयरचीफ मार्शल
वायुसेना प्रमुख (Airforce chief)विवेक राम चौधरी ने मंगलवार को कहा कि भविष्य के युद्ध हाइब्रिड तरीके से लड़े जाएंगे। इसमें आर्थिक प्रतिबंध, कम्युनेशन सिस्टम ब्लॉक करना, कंप्यूटर वायरस और हाइपरसोनिक मिसाइल जैसी चीजों का इस्तेमाल होगा। अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (AIMA) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भाषण में एयर चीफ मार्शल ने कहा- साइबर और सूचना युद्धक्षेत्र के लिए बेहद जरूरी और अधुनिक उपकरण बन गए हैं। ऐसे में ये दुश्मन को काफी प्रभावित करेंगे। चौधरी ने कहा कि अगली जंग में दुश्मन शायद एक देश या संगठन न हो। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारत को शायद यह कभी पता न चल पाए कि उसके कंप्यूटरों पर हमला करने वाले कौन लोग हैं और यह हमला कब तथा कहां से होगा। चौधरी ने कहा कि भविष्य में भारत पर सभी मोर्चों पर हमला किया जा सकता है, जिसमें आर्थिक प्रतिबंध से लेकर राजनयिक तौर पर अलग-थलग किए जाने और सैन्य गतिरोध से लेकर कंप्यूटरों पर हमला कर सूचना को अवरुद्ध करना तक शामिल है। उनके मुताबिक, यह सबकुछ पहली गोली चलने और पहले विमान के सीमा पार करने से पूर्व ही हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, “हम जिन हथियारों को देख रहे हैं वे एक छोटे कंप्यूटर वायरस से लेकर हाइपरसोनिक मिसाइल तक होंगे। 

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