2017 के बाद अरुणाचल की सियांग नदी ने फिर बदला रंग, दहशत में लोग, कहीं चीन की कोई साजिश तो नहीं?

2017 के बाद अरुणाचल की सियांग नदी(Siang river) पर फिर से संकट आया है। इसका पानी गंदा हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि चीन में संभावित कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज के चलते ऐसा हुआ है। इस मामले से सीमावर्ती राज्य में लोग चिंतित हैं।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 8, 2022 8:45 AM IST / Updated: Nov 08 2022, 02:17 PM IST

ईटानगर(Itanagar). 2017 के बाद अरुणाचल की सियांग नदी(Siang river) पर फिर से संकट आया है। इसका पानी गंदा हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि चीन में संभावित कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज के चलते ऐसा हुआ है। इस मामले से सीमावर्ती राज्य में लोग चिंतित हैं। पूर्वी सियांग जिले के मुख्यालय पासीघाट में अधिकारियों के अनुसार, सियांग नदी राज्य का प्रमुख जलमार्ग(state principal waterway) है। इसने कुछ दिन पहले अपना रंग बदल लिया है। वहीं नदी की धारा शांत हो गई है। 

पूर्वी सियांग के डिप्टी कमिश्नर(DC) ताई टैग्गू( Tayi Taggu) ने कहा कि पानी में जो कीचड़ बह रहा है, वो नेचुरल नहीं, बल्कि मानवीय गतिविधियों का असर है। वजह, इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई है। बारिश में ऐसा होना लाजिमी था। टैग्गू ने कहा कि वे जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की की मदद से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। 

कहीं चीन कोई कटाव तो नहीं कर रहा?
टैग्गू ने कहा-"चीन में सियांग नदी को यारलुंग त्संगपो( Yarlung Tsangpo) कहा जाता है। आशंका है कि वहां शायद किसी कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी के लिए जमीन को काटा जा रहा हो, जिसके कारण नदी में कीचड़ बह रही हो।" डीसी ने कहा, "ऐसा लगता है कि नदी के ऊपर कुछ निर्माण गतिविधियां चल रही हैं, जो चीन से निकलती है। ऊपरी इलाकों में भूस्खलन( Landslides) भी एक कारण हो सकता है।"

सियांग नदी के पानी का रंग अचानक बदलने से मछुआरे और कृषि कार्य के लिए नदी पर निर्भर स्थानीय लोग चिंतित हैं। पासीघाट के स्थानीय निवासी मिगोम पर्टिन ने चिंता जाहिर की-"पानी में भारी धातुमल जलीय जीवों को मार सकता है। किसान नदी से भी पानी खींचते हैं। इसके अलावा, हमारे पालतू जानवर नदी का पानी पीते हैं। हमें चिंता है कि इससे कई लोगों की आजीविका प्रभावित हो सकती है।"

2017 में हुआ था इसी तरह का मामला 
इससे पहले भी कई बार नदी में कीचड़ हो गया था। दिसंबर 2017 में नदी काली हो गई थी, जिससे राज्य में दहशत फैल गई थी। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू(Pema Khandu) ने उस समय व्यक्तिगत रूप से नदी की स्थिति की निगरानी की थी और केंद्र से इस मामले को देखने का अनुरोध किया था। भारत ने तब इस मामले को चीन के सामने उठाया था। 

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