सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोई शराब घोटाला नहीं हुआ था। सीबीआई और ईडी ने मनीष सिसोदिया को झूठे मामले में फंसाया है।
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor scam) मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बुलाया है। केजरीवाल ने इस संबंध में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और सीबीआई व ईडी पर जमकर हमला किया। केजरीवाल ने कहा कि कोई शराब घोटाला नहीं हुआ था। क्या मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पैसे देने का आरोप लगाऊं तो उन्हें गिरफ्तार करोगे।
केजरीवाल ने कहा कि CBI और ED ने अपने हलफनामे में झूठ बोला और मनीष सिसोदिया को झूठे केस में फंसाया। ED और CBI ने कोर्ट को गुमराह किया। सिसोदिया को फंसाने के लिए झूठ बोला।
केजरीवाल बोले- प्रताड़ित कर रहीं जांच एजेंसियां
केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को कुचलने की कोशिश की जा रही है। हर दिन किसी न किसी को पकड़ा जा रहा है। नेताओं को धमकाया जा रहा है। उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति को जांच एजेंसी ने प्रताड़ित किया और उसे दिल्ली के मंत्रियों का नाम लेने के लिए मजबूर किया।
सीएम ने कहा कि ईडी ने 100 करोड़ रुपए रिश्वत की बात की है। वह पैसे कहां हैं? हर किसी के यहां छापेमारी की गई। मनीष सिसोदिया के गद्दे को फाड़ दिया। अभी तक एक पैसा नहीं मिला है। वे कहते हैं कि रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल गोवा में चुनाव प्रचार के लिए किया गया था। ऐसा हुआ तो सबूत कहां है?
सीबीआई ने केजरीवाल को किया है तलब
गौरतलब है कि पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। अब सीबीआई ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए तलब किया है। सीबीआई ने केजरीवाल को रविवार सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा है।
आप ने केजरीवाल को समन भेजने को साजिश करार दिया है। आप ने कहा है कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद केंद्र सरकार दबाव बना रही है। आप नेता आतिशी ने कहा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई भाजपा का अपने विरोधियों को खत्म करने का फॉर्मूला है।
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क्या है मामला?
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति तैयार की थी। विवाद बढ़ने पर इसे वापस ले लिया गया था और पुरानी नीति लागू की गई थी। दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई को मामले की जांच के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज किया था। आरोप लगाए गए हैं कि नई शराब नीति का इस्तेमाल कर मनीष सिसोदिया (उस वक्त आबकारी विभाग सिसोदिया के पास था) ने अपने करीबी शराब व्यापारियों को लाइसेंस दिलाया और इससे बदले रिश्वत ली। इस घोटाले में हुई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ED कर रही है।