एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे आसाराम बापू की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाएगी। 80 वर्षीय आसाराम के वकील ने उनकी उम्र और बीमारी का हवाला देकर जमानत मांगी है। लेकिन पीड़िता के पिता के अलावा राजस्थान सरकार ने इसका विरोध किया है।
नई दिल्ली. जोधपुर जेल में बंद आसाराम बापू की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला देगी। आसाराम एक नाबालिग लड़की से रेप के जुर्म में सजा भुगत रहे हैं। 80 वर्षीय आसाराम के वकील ने उनकी उम्र और बीमारी का हवाला देकर जमानत मांगी है। पीड़िता के पिता ने आसाराम की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया है। उन्होंने SC से कहा है कि आसाराम की जमानत के बाद उनके अनुयायियों से जान का खतरा है।
पीड़िता के परिजनों के वकील ने दिया यह तर्क
पीड़िता के पिता की ओर से वकील उत्सव बैंस ने इस संबंध में याचिका दायर की है। इसमें कहा गया कि आसाराम एक प्रभावशाली आदमी हैं। देशभर में उनके लाखों भक्त हैं। आसाराम ने कार्तिक हलदर के जरिये अपने चश्मदीद की हत्या करवा दी थी। वकील ने 10 चश्मदीदों पर हमला कराने और 3 की मौत का हवाला भी दिया।
राजस्थान सरकार ने भी किया विरोध
सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में राजस्थान सरकार ने आसाराम की जमानत का विरोध किया है। इसमें कहा गया है कि आसाराम जानबूझकर जोधपुर एम्स की दवाएं नहीं ले रहे, ताकि दिल्ली एम्स में भर्ती हो सकें। सरकार ने कहा कि उनका यहां इलाज हो सकती है, इसलिए दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की जरूरत नहीं है।
पिछले महीने कोरोना पॉजिटिव हो गए थे आसाराम
आसाराम बापू मई के शुरुआत में कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। सांस में दिक्कत और बैचेनी के बाद उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराना पड़ा था।
अंतरिम जमानत कर दी गई थी खारिज
इससे पहले आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। उनके वकील इससे पहले भी बीमारी के आधार पर जमानत मांग रहे हैं।
2013 में रेप के मामले में फंसे थे
आसुमल थाउमल हरपलानी उर्फ आसाराम बापू पर 2013 में रेप का आरोप लगा था। उन पर नरबलि और हत्या जैसे भी आरोप हैं। किसी समय आसाराम के प्रवचन सुनने लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती थी।
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