
Himanta Sarma Shares Map With Bangladesh: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार क उन लोगों को निशाने पर लिया जो भारत के ‘चिकेन नेक कॉरीडोर’ का जिक्र करके भारत की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते हैं। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बांग्लादेश में ऐसे दो चिकेन नेक कॉरिडोर या संकरे इलाके हैं जो बहुत कमजोर हैं।
भारत के पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में जमीन का एक संकरा कॉरिडोर भारतीय मेनलैंड को पूर्वोत्तर के राज्यों से जोड़ता है। इसे चिकेन नेक कहा जाता है क्योंकि ये जमीन का बहुत पतला या संकरा हिस्सा है और कुछ ही किलोमीटर चौड़ा है। कुछ दिन पहले अपनी चीन यात्रा के दौरान बांग्लादेश सरकार के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने एक बयान में कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य जिन्हें सेवन सिस्टर्स भी कहा जाता है, ये भारत का एक चारों तरफ भूमि से घिरा क्षेत्र है। उनके पास समंदर तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
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हिमंत बिस्वा सरमान असम के मुख्यमंत्री हैं और ये राज्य भी इन सात पूर्वोत्तर राज्यों में शामिल है। अब पलटवार करते हुए सरमा ने कहा है कि असम का पहला चिकेन नेक 80 किलोमीटर लंबा उत्तर बांग्लादेश कॉरिडोर है जो दक्षिण दीनाजपुर और उत्तर-पश्चिम गारो हिल्स के बीच है। एक्स पर पोस्ट करते हुए सरमा ने कहा कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह का डिस्टरबेंस समूचे रंगपुर डिवीजन को बांग्लादेश के बाकी हिस्सों से काट सकता है।
उन्होंने कहा कि दूसरा चिकेन नेक 28 किलोमीटर लंबा चिट्टागांव कॉरिडोर है। ये दक्षिण त्रिपुरा से बंगाल की खाड़ी तक है। सरमा ने कहा कि ये कॉरिडोर जो भारत के चिकेन नेक से भी छोटा है, बांग्लादेश की आर्थिक राजधानी और राजनीतिक राजधानी के बीच एकमात्र संपर्क मार्ग है। सरमा ने कहा- भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरह ही हमारे पड़ोसी देश के भी दो संकरे कॉरिडोर हैं।
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उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ वो भोगौलिक तथ्य याद दिला रहा हूं जिन्हें कुछ लोग भूल जाते हैं। मोहम्मद यूनुस ने अपने बयान में कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य लैंडलॉक्ड हैं और बांग्लादेश समंदर का एकमात्र रक्षक है। यूनुस ने चीन से बांग्लादेश में आर्थिक प्रभाव बढ़ाने का आग्रह किया था और कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य एक बड़ा बाजार हो सकते हैं। हिमंत बिस्वा सरमा ने यूनुस के इस बयान को घोर आपत्तिजनक कहा था।
भारत का चिकेन नेक कॉरिडोर पूर्वोत्तर राज्यों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए बेहद अहम है। हिमंत बिस्वा सरमा ने ये भी कहा है कि भारत के इस क्षेत्र के आसपास रेल और रोड नेटवर्क को और मजबूत करना चाहिए और वैकल्पिक रूट भी तलाशने चाहिए। हिमंत सरमा ने कहा- मोहम्मद यूनुस के ऐसे उत्तेजक बयान को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इसमें गहरे रणनीतिक और दीर्घकालिक एजेंडे छुपे हैं।