#AssamMizoramBorder: सुरक्षा के मद्देनजर असम के लोगों को मिजोरम न जाने की सलाह

असम और मिजोरम की सीमा पर 25 जुलाई को हुए खूनी संघर्ष बाद दोनों राज्य सतर्कता बरत रहे हैं। इस बीच असम के लोगों को बहुत जरूरी न होने पर मिजोरम नहीं जाने की एडवायजरी जारी की गई है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 30, 2021 2:17 AM IST

नई दिल्ली. जमीन को लेकर 25 जुलाई को असम और मिजोरम की सीमा पर हुए खूनी संघर्ष के बाद दोनों राज्य सावधानी बरत रहे हैं। इस बीच असम के लोगों को मिजोरम नहीं जाने की सलाह दी गई है। ऐसा संभवत: पहली बार हुआ है, जब एक राज्य के लोगों को दूसरे राज्य में जाने से रोकना पड़ रहा है। असम के गृह सचिव एमएस मणिवन्नन ने यह एडवायजरी करते हुए कहा कि खतरे की आशंका को देखते हुए यह सलाह दी गई है।

यह भी पढ़ें-मिजोरम-असम सीमा संघर्षः गृह मंत्रालय का फैसला-अशांत सीमा अब रहेगी CRPF के हवाले, असम ने पूछताछ को भेजी CID

सीमावर्ती इलाकों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात
हिंसा के बाद राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर अशांत अंतरराज्यीय सीमा पर तटस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती की है। इसके अलावा, बल के कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए दोनों राज्य सरकारें उचित समय सीमा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के समन्वय से व्यवस्था करेंगी। वहीं, असम द्वारा जारी एक अन्य आदेश में कामरूप मेट्रो और कछार के पुलिस उपायुक्तों, गुवाहाटी पुलिस आयुक्त और कछार पुलिस अधीक्षक को राज्य में मिजोरम के लोगों और गुवाहाटी तथा सिचलर में मिजोरम हाउसेस में रह रहे लोगों की सुरक्षा पर ध्यान देने को कहा है।

Latest Videos

यह भी पढ़ें-यह भी पढ़ें-#AssamMizoramBorder: जैसे ही जंगलों से उपद्रवियों ने किया हमला, सुरक्षाबलों के पीछे डरकर छुप गईं बूढ़ी अम्मा

चीन के षड्यंत्र की बू
इस हिंसा के पीछे चीन का षड्यंत्र भी सामने आ रहा है। twitter पर इस दौरान ShameOnMizoram और SameOnAssam दो ऐसे हैशटैग चलाए जा रहे हैं, जिनका मकसद दोनों राज्यों के लोगों को भड़काना है। बता दें कि इस हिंसा को लेकर अब भी तनाव बना हुआ है। दोनों राज्यों के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए चीन की धरती से सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले पेड कैम्पेन चलाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर बैक टू बैक दो हैशटैग चले। दोनों ही हैशटैग एक-दूसरे राज्य के खिलाफ और कुछ पोस्टर मिजोरम में चीन के समर्थन के रूप में चलाए गए। (विस्तार से पढ़ने क्लिक करें)

(यह तस्वीर असम की है। कछार उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने गुरुवार को राज्य के मंत्रियों के साथ मिजोरम के साथ सीमा संघर्ष में मारे गए मजरुल हक बरभुइया के परिजनों को 50 लाख रुपये का चेक सौंपा। मुआवजे के अलावा, परिजनों को सरकारी नौकरी की पेशकश की गई है।)
 

Share this article
click me!

Latest Videos

10 साल की बच्ची का किडनैप के बाद रेप-मर्डर, फिर दहल उठा ममता बनर्जी का पं. बंगाल
हरियाणा चुनाव के10 अमीर प्रत्याशीः बिजनेसमैन सावित्री जिंदल से धनवान है यह कैंडीडेट
इजरायल ने हमास सरकार के चीफ सहित 3 टॉप लीडर्स को किया ढेर
जवानों का सबसे खतरनाक एक्शन, एक झटके में 28 नक्सली ढेर, जानें मुख्यमंत्री ने क्या कहा
उत्तराखंड: 200 फीट खाई में समा गई बारातियों की बस, तिनकों की तरह बिखरीं लाशें