असम में राजधानी एक्सप्रेस से टकराकर 8 हाथियों की मौत, 5 कोंच पटरी से उतरे-जिम्मेदार कौन?

Published : Dec 20, 2025, 10:35 AM ISTUpdated : Dec 20, 2025, 10:40 AM IST
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सार

Breaking Assam Rail Accident: असम में राजधानी एक्सप्रेस हाथियों से टकरा गई, 8 हाथियों की मौत और 5 कोच पटरी से उतर गए। सवाल यह है-हाथी ट्रैक पर कैसे पहुंचे और क्या इस हादसे को रोका जा सकता था? सभी यात्री सुरक्षित रहे। 

Assam Rajdhani Express Accident: असम में राजधानी एक्सप्रेस हादसा एक ऐसी खबर बन गया है, जिसने रेलवे सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण-दोनों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ट्रेन नंबर 20507 DN सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस शनिवार तड़के असम के नगांव जिले में हाथियों के झुंड से टकरा गई। इस दर्दनाक टक्कर में 8 हाथियों की मौत हो गई, जबकि ट्रेन का लोकोमोटिव और पांच कोच पटरी से उतर गए। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ।

कहां और कब हुई यह दुर्घटना?

यह घटना 20 दिसंबर सुबह करीब 2:17 बजे पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के लुमडिंग डिवीजन के अंतर्गत जमुनामुख-कांपुर सेक्शन में हुई। घटनास्थल गुवाहाटी से लगभग 126 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह इलाका आधिकारिक रूप से हाथी गलियारे के रूप में चिह्नित नहीं है, फिर भी हाथियों का झुंड अचानक ट्रैक पर आ गया।

ट्रैक पर हाथी अचानक कैसे आ गए?

सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि जब यह क्षेत्र हाथी कॉरिडोर नहीं था, तो इतने बड़े झुंड का रेलवे ट्रैक पर आना कैसे संभव हुआ? क्या वन विभाग और रेलवे के बीच समन्वय की कमी थी, या फिर यह एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग था? स्थानीय जानकारों का कहना है कि हाथी अक्सर रात के समय भोजन और पानी की तलाश में लंबी दूरी तय करते हैं, जिससे ऐसे हादसों का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

लोको पायलट ने क्या किया, फिर भी क्यों नहीं टल सका हादसा?

रेलवे सूत्रों के अनुसार, लोको पायलट ने ट्रैक पर हाथियों को देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन भारी रफ्तार और कम दूरी के कारण ट्रेन को समय रहते रोका नहीं जा सका। नतीजा यह हुआ कि ट्रेन सीधे हाथियों के झुंड से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इंजन समेत पांच कोच पटरी से उतर गए।

यात्रियों को कैसे बचाया गया?

हादसे के तुरंत बाद दुर्घटना राहत ट्रेनें और लुमडिंग डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रभावित कोचों के यात्रियों को ट्रेन के अन्य डिब्बों में खाली बर्थ पर अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया। पटरी से उतरे कोचों को अलग करने के बाद, ट्रेन को सुबह 6:11 बजे गुवाहाटी के लिए रवाना किया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि गुवाहाटी पहुंचने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे, जिसके बाद राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा नई दिल्ली के लिए फिर से शुरू करेगी।

हेल्पलाइन क्यों की गई सक्रिय?

हादसे के बाद यात्रियों और उनके परिजनों की जानकारी के लिए गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए। इसके अलावा, प्रभावित सेक्शन से गुजरने वाली कई ट्रेनों को UP लाइन से डायवर्ट किया गया है। रेलवे का कहना है कि सेफ्टी चेक पूरा होने के बाद ही ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह सामान्य की जाएगी।

क्या ऐसे हादसे रोके जा सकते हैं?

यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि रेलवे और वन्यजीव संरक्षण के बीच बेहतर तालमेल की कितनी जरूरत है।  क्या भविष्य में ऐसे कदम उठाए जाएंगे, जिससे न यात्रियों की जान जोखिम में पड़े और न ही बेकसूर वन्यजीवों की?

हेल्पलाइन सक्रिय, ट्रेनों का मार्ग बदला गया

यात्रियों और रिश्तेदारों की सहायता के लिए गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पर हेल्पलाइन नंबर सक्रिय किए गए। हेल्पलाइन नंबर 0361-2731621, 0361-2731622 और 0361-2731623 हैं। इस बीच, प्रभावित सेक्शन से गुज़रने वाली ट्रेनों को UP लाइन से डायवर्ट किया जा रहा है। मरम्मत का काम अभी चल रहा है, और रेलवे अधिकारियों ने कहा कि सेफ्टी चेक पूरा होने के बाद ट्रेनों की आवाजाही सामान्य हो जाएगी।

 

 

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