पीएम मोदी ने राम मंदिर का किया भूमि पूजन, 35 मिनट चली पूजा, दो बार नतमस्तक हुए PM, तिलक भी लगाया

अयोध्या में राम मंदिर बनने का सैकड़ों साल पुराना इंतजार अब खत्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया। भूमिपूजन 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड के शुभ मुहूर्त पर हुआ। इससे पहले पीएम मोदी ने 9 शिलाओं का पूजन किया। इन्हें 1989 में दुनियाभर से भेजा गया था।

Asianet News Hindi | Published : Aug 5, 2020 2:08 AM IST / Updated: Aug 05 2020, 02:24 PM IST

अयोध्या.  अयोध्या में राम मंदिर बनने का सैकड़ों साल पुराना इंतजार अब खत्म हो गया। 1528 में अयोध्या में बाबर ने राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी। अब 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमिपूजन कर नींव रखी। भूमिपूजन 12 बजकर 44 मिनट 8 सेकंड के शुभ मुहूर्त पर हुआ। इससे पहले पीएम मोदी ने 9 शिलाओं का पूजन किया। इन्हें 1989 में दुनियाभर से भेजा गया था। इससे पहले पीएम मोदी ने रामलला और हनुमान गढ़ी के दर्शन किए। 

भूमि पूजन स्थल पर पीएम के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत, उप्र की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास समेत सिर्फ 17 लोग मौजूद रहे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया।

29 साल बाद रामलला के किए दर्शन
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। पीएम ने रामलला को दंडवत प्रणाम किया। मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने रामलाल के दर्शन किए। इससे पहले पीएम मोदी 29 साल पहले 1991 में अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे थे, हालांकि, तब वे सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ता थे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचकर हनुमान जी की आरती कर राम मंदिर के भूमि पूजन की अनुमति ली।

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भूमि पूजन कार्यक्रम में सिर्फ 17 लोग मौजूद रहे।

2000 पवित्र जगहों से पहुंची मिट्टी
भूमिपूजन के लिए 2000 पवित्र जगहों से मिट्टी लाई गई और 100 से ज्यादा नदियों का पानी लाया गया। 1989 में दुनियाभर से 2 लाख 75 हजार ईंटें जन्मभूमि भेजी गई थीं। इनमें से 9 ईंटों यानी शिलाओं का पीएम मोदी ने पूजन किया। 
 


पीएम मोदी ने दंडवत प्रणाम कर रामलला के दर्शन किए। 



पीएम मोदी 29 साल बाद रामलला के दर्शन करने पहुंचे। यहां उन्होंने परिसर में पारिजात का पेड़ भी लगाया। 

इससे पहले पीएम मोदी सुबह 9.30 बजे दिल्ली से रवाना हुए। वे 10.30 बजे लखनऊ पहुंचे। यहां से वे हेलिकॉप्टर से अयोध्या पहुंचे। यहां वे सबसे पहले हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचे। पीएम मोदी ने हनुमान जी की आरती कर राम मंदिर के भूमि पूजन की अनुमति ली। इसके बाद रामलला का दर्शन करने पहुंचे। इसके बाद भूमि पूजन किया। पीएम मोदी धोती कुर्ता पहने खास अंदाज में नजर आए।


हनुमानगढ़ी में पीएम मोदी को चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया गया।

29 साल बाद रामलला के दर्शन किए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमिपूजन से पहले राम लला के दर्शन किए। वे अयोध्या में रामलला के दर्शन करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले मोदी 1991 में रामलला के दर्शन करने पहुंचे थे। इसके बाद वे तीन बार 2009, 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में प्रचार करने तो पहुंचे लेकिन रामलला के दर्शन नहीं किए। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी अयोध्या तो पहुंचे लेकिन पीएम रहते रामलला के दर्शन नहीं किए।

मंच पर सिर्फ 5 लोग रहे मौजूद
कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए पीएम मोदी के साथ मंच पर भी सीमित लोग रहे। इनमें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मौजूद रहे।

135 संत समेत 175 लोगों को भेजा गया न्योता
कोरोना के चलते कार्यक्रम को काफी सीमित किया गया। इसमें सिर्फ 175 लोगों को भूमिपूजन का निमंत्रण भेजा गया। इसमें से 36 आध्यात्मिक परंपराओं के 135 संत शामिल हैं। इसके अलावा कार सेवकों के परिवार, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी, समाजसेवी और पद्मश्री मोहम्मद शरीफ समेत अन्य लोगों को निमंत्रण भेजा गया। राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने वाले सभी मेहमानों को एक चांदी का सिक्का भेंट किया जाएगा। इसमें रामदरबार छपा है। इसके अलावा मेहमानों के लिए लड्डू भी बनाए गए हैं। सभी लोगों को स्टील के टिफिन में रखकर लड्डुओं का प्रसाद दिया जाएगा।

देश का सबसे पुराना विवाद
राम मंदिर-बाबरी मस्जिद देश का सबसे पुराना विवाद रहा है। 1528 में अयोध्या में बाबर ने मस्जिद बनाई थी। इसे लेकर 1813 में पहली बार विवाद हुआ। इसके बाद यह मुद्दा पहली 1813 में उठा। 1885 में पहली बार किसी कोर्ट में पहुंचा। 2009 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर का मालिकाना हक रामलला को दिया। 


अपडेट्स


भूमि पूजन से पहले रामलला की पहली तस्वीर आई सामने...
 


भूमि पूजन स्थल पर पुहंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत

 संघ प्रमुख मोहन भागवत।

कार्यक्रम स्थल पर मौजूद साधु-संत


कार्यक्रम स्थल पर बैठे बाबा रामदेव और अन्य साधु संत।


बाबा रामदेव का अभिवादन करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुली मंदिर निर्माण की राह
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर 2019 को अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया था। 5 जजों की बेंच ने रामलला को विवादित जमीन का मालिकाना हक दिया था। साथ ही मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड को देने के लिए भी कहा था। इस ऐतिहासिक फैसले से ही राम मंदिर के निर्माण की राह आसान हुई थी।

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