BSF की निगहबानी में बांग्लादेश से 300+ स्टूडेंट्स की भारत वापसी

Published : Jul 20, 2024, 01:26 AM IST
Indian Students return from Bangladesh

सार

बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन पूरी तरह से हिंसात्मक हो चुका है। यहां रह रहे विदेशी स्टूडेंट्स या दूसरे देश के नागरिक अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित हैं। हजारों की संख्या में भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स यहां रहते हैं। 

Indian Students returning from Bangladesh: बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारीजन के लिए घोषित आरक्षण के विरोध में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। विरोध प्रदर्शन बेहद हिंसात्मक हो चुका है। सवा सौ से अधिक जान इस हिंसात्मक प्रदर्शन में जा चुकी है। बांग्लादेश में रह रहे भारतीय भी खतरे में हैं। हालांकि, भारत सरकार ने भारतीयों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है लेकिन वहां रहे रहे भारतीय किसी भी उपलब्ध साधन का उपयोग कर वतन वापसी करने लगे हैं। शुक्रवार को 300 से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश से वापस लौटे। भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए बीएसएफ पूरी मुश्तैदी से निगहबानी कर रहा है। पूर्वोत्तर बॉर्डर से इन स्टूडेंट्स ने देश में प्रवेश किया।

बांग्लादेश में तीन सप्ताह से चल रहा विरोध प्रदर्शन हुआ उग्र

बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारीजन के लिए आरक्षण के विरोध में पिछले कई सप्ताह से प्रदर्शन चल रहा था। लेकिन बीते दिनों यह प्रदर्शन उग्र होता गया। हिंसक हो चुके विरोध प्रदर्शनों में सवा सौ के आसपास लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। गुरुवार को पीएम शेख हसीना ने सरकारी टीवी चैनल बीटीवी को अपना इंटरव्यू दिया। गुस्साएं लोगों ने चैनल हेडक्वार्टर को आग के हवाले कर दिया। दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने जेल पर कब्जा कर दिया और कैदियों को छुड़ाने के बाद उसमें आग लगा दी।

बांग्लादेश के विवि व शिक्षण संस्थान बंद

बांग्लादेश में बिगड़े हालात के बाद ढाका विवि सहित सभी शिक्षक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। बांग्लादेश में 8500 से अधिक भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। यूपी-बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा सहित विभिन्न राज्यों के अधिकतर स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बांग्लादेश में रहते हैं। इसके अलावा 15 हजार से अधिक भारतीय नागरिक भी यहां रहते हैं। बांग्लादेश में स्थितियां बेकाबू होने के बाद अधिकतर भारतीय सुरक्षित वापसी करना चाहते हैं। वह किसी प्रकार के उपलब्ध साधन का उपयोग कर भारत लौटने लगे हैं।

अगरतला और दावकी बंदरगाह पर पहुंच रहे स्टूडेंट्स

स्थितियां सामान्य होने का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स हालाता बेकाबू होने के बाद किसी तरह भारत वापसी में लगे हुए हैं। शुक्रवार को 300 से अधिक स्टूडेंट्स त्रिपुरा के अगरतला के पास अखुरा में इंटरनेशनल पोर्ट और मेघालय के दावकी में स्थित इंटरनेशनल पोर्ट तक पहुंचे।

मेघालय में पोर्ट व सिक्योरिटी अधिकारियों ने बताया कि बांग्लादेश से 200 से ज़्यादा भारतीय सीमा पार कर गए। इन स्टूडेंट्स में भूटान और नेपाल के भी कई स्टूडेंट्स हैं जो भारत में एंट्री किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि भारत आने वाले स्टूडेंट्स में 67 छात्र मेघालय से और सात भूटान से थे।

क्या है बांग्लादेश का आरक्षण कोटा विवाद?

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवार के सदस्यों को 30 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। 1971 में शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में बांग्लादेश के लिए हुए आंदोलन में शामिल लोगों के परिवारीजन को नौकरियों में आरक्षण के ऐलान के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। हालांकि, हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण बहाल किए जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो शेख हसीना सरकार ने इस पर किसी प्रकार का रोक जाने के खिलाफ चुनौती दी गई। इसके बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं का गुस्सा और बढ़ गया। इनका मानना है कि आरक्षण से उनकी नौकरी की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।

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