सार

बांग्लादेश में आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शनों से स्थितियां खराब हो रही हैं। वहां रह रहे भारतीयों के परिजन व रिश्तेदार सुरक्षा को लेकर परेशान हैं। विदेश मंत्रालय ने परेशान परिजन और रिश्तेदारों को सुरक्षा के प्रति आश्वस्त किया है।

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में आरक्षण की मांग को लेकर शुरू हुई हिंसा के बीच 25 हजार से अधिक भारतीयों को लेकर परिजन और रिश्तेदार आशंकित हैं। विदेश मंत्रालय ने परेशान परिजन और रिश्तेदारों को आश्वस्त किया है कि भारत सरकार बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों के लगातार संपर्क में है। मंत्रालय और हाई कमीशन लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है। वहां का हाई कमीशन लगातार हमारे संपर्क में है।

दरअसल, बांग्लादेश में करीब 8500 भारतीय स्टूडेंट रहते हैं तो 15 हजार से अधिक भारतीय वहां निवास करते हैं। पड़ोसी देश में आरक्षण को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद भारत में रह रहे उनके परिजन व रिश्तेदार काफी चिंतित हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार द्वारा बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बेटे-बेटियों को नौकरी में आरक्षण देने के फैसले के बाद देश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन शुरू हुआ था। हजारों की संख्या में युवा व छात्र सड़कों पर उतरकर आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन करने लगे। देखते ही देखते यह विरोध प्रदर्शन हिंसक होने के साथ बेकाबू हो चुका है। देश में 64 से अधिक लोग हिंसा में जान गंवा चुके हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा-चिंता की कोई बात नहीं, हम लगातार संपर्क में हैं

शुक्रवार को बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि बांग्लादेश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हमारे देश के छात्र और हजारों भारतीय नागरिक वहां रहते हैं। हमने अपने देश के लोगों को हाईकमीशन के संपर्क में रहने और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए ट्रेवेल एडवाइजरी जारी किया है। विदेश मंत्री स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। मंत्रालय के निर्देश पर हाई कमीशन वहां की स्थिति पर नियमित अपडेट दे रहा है। हम भी नियमित अपडेट देते रहेंगे और हम बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के सभी परिवार के सदस्यों से संपर्क में रहने का आग्रह करते हैं। हम अपने नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि हमारे सभी नागरिक सुरक्षित हैं।

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