बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी: शास्त्रीय धुनों पर निकला मां भारती की सेवा का सुर...भारी बारिश में भी मंत्रमुग्ध दर्शक अपनी जगह से नहीं डिगे

गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हर साल बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के साथ होता है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के प्रभावी होने के कारण गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

Dheerendra Gopal | Published : Jan 29, 2023 11:58 AM IST / Updated: Jan 29 2023, 06:50 PM IST

Republic Day 2023 Beating the Retreat: बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के संपन्न होने के साथ रविवार को गणतंत्र दिवस 2023 समारोह का भी समापन हो गया। सेरेमनी में तीनों सेनाओं के बैंड्स विभिन्न धुनों पर अपनी प्रस्तुतियों से मां भारती की सेवा का संकल्प प्रेषित किया। तीनों सेनाओं और अन्य सशस्त्र बलों ने 29 धुनें बजायी। सारे जहां से अच्छा... धुन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ उतारा गया। समारोह के बाद पूरा राजपथ, संसद भवन, राष्ट्रपति भवन सहित अन्य ऐतिहासिक इमारतें लेजर लाइट्स शो से रोशन किए गए।

समारोह का शुभारंभ राष्ट्रगान और राष्ट्रपति को तीनों सेनाओं द्वारा सलामी के साथ किया गया। सशस्त्र सेना की सुप्रीम कमांडर व देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई गणमान्य सेरेमनी में मौजूद रहे। CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी समारोह में मौजूद रहे। भारी बारिश के बावजूद काफी संख्या में दर्शक सेरेमनी देखने विजय चौक पहुंचे थे।

विजय चौक पर आयोजित बीटिंग द रिट्रीट में इस बार भारतीय शास्त्रीय रागों पर आधारित भारतीय धुनें आकर्षण का केंद्र रहा। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के अलावा स्टेट पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के म्यूजिक बैंड्स करीब 29 प्रकार के भारतीय धुनें बजाए। बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में अग्निवीर, 'अल्मोड़ा', 'केदारनाथ', 'संगम दूर', 'सतपुड़ा की रानी', 'भागीरथी', 'कोंकण सुंदरी' जैसी मोहक धुनें बजाई जाएंगी। इंडियन एयरफोर्स की बैंड 'अपराजेय अर्जुन', 'चरखा', 'वायु शक्ति', 'स्वदेशी' तो नौसेना बैंड'एकला चलो रे', 'हम तैयार हैं' और 'जय भारती' की धुनें बजायी। आर्मी का बैंड 'शंखनाद', 'शेर-ए-जवान', 'भूपाल', 'अग्रणी भारत', 'यंग इंडिया', 'कदम कदम बढ़ाए जा', 'ड्रमर्स कॉल' और 'ऐ मेरे वतन के' बजाया। सारे जहां से अच्छा... धुन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके बाद राष्ट्रीय ध्वज को पूरे सम्मान के साथ उतारा गया। इसके बाद तीनों सेनाओं की प्रमुख राष्ट्रपति से सेना के बैंड को ले जाने की अनुमति मांगी गई। अनुमति मिलते ही बैंड स्थल से रवाना हो गए। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस कार्यक्रमों का समापन हुआ।

हर साल 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट से गणतंत्र दिवस समारोह का समापन

गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हर साल बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के साथ होता है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के प्रभावी होने के कारण गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। बीटिंग द रिट्रीट, गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। दरअसल, गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन बीटिंग द रिट्रीट के साथ होता है जो विजय चौक पर होता है। इस सेरेमनी में भारत का राष्ट्रपति अध्यक्षता करता है जोकि सुप्रीम कमांडर भी तीनों सेनाओं का है। शाम के समय समारोह के पार्ट के रूप में झंडे उतारे जाते हैं। बीटिंग द रिट्रीट के दौरान राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और संसद भवन सभी को रोशनी से सजाया जाता है।

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