पत्रकार की गिरफ्तारी पर घिरी ममता बनर्जी सरकार: आनंद रंगनाथन का तंज-बंगाल में लोकतंत्र और फ्री प्रेस खूब फलफूल रहा

पश्चिम मेदिनीपुर जिले में आनंदबाजार पत्रिका के 33 वर्षीय रिपोर्टर देबमाल्या बागची को 6 सितंबर को एक दलित महिला पड़ोसी पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

Journalist arrest in West Bengal: पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में एक अखबार के पत्रकार की गिरफ्तारी की हर कोई निंदा कर रहा है। बंगाल में कथित शराब माफिया पर आर्टिकल छापने पर हुई कार्रवाई पर राज्य के विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी दलों ने ममता सरकार पर लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश का आरोप लगाया है।

आनंद रंगनाथन ने सेक्युलर संगठनों पर लगाया आरोप

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लेखक आनंद रंगनाथन ने देबमाल्या बागची की गिरफ्तारी पर सेक्युलर संगठनों पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया कि ये हैं देबमाल्या बागची। पत्रकार। बंगाल शराब माफिया पर लिखा। उठा लिया गया। जेल में डाल दिया गया। दो सप्ताह पहले। कोई विरोध नहीं। कोई मोमबत्ती की रोशनी में जुलूस नहीं। कोई प्रेसर नहीं। फासीवाद का कोई रोना नहीं। घबराने की कोई बात नहीं। बंगाल में प्रेस की आजादी के साथ-साथ, लोकतंत्र जीवित है और जोर पकड़ रहा है।

 

 

6 सितंबर को दलित महिला पड़ोसी पर हमला के आरोप में अरेस्ट

पश्चिम मेदिनीपुर जिले में आनंदबाजार पत्रिका के 33 वर्षीय रिपोर्टर देबमाल्या बागची को 6 सितंबर को एक दलित महिला पड़ोसी पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन विपक्ष ने गिरफ्तारी को बागची के हालिया लिखे आर्टिकल्स की वजह से कार्रवाई की बात कही। बताया जा रहा है कि बागची ने खड़गपुर नगर पालिका में संजोल आवासीय क्षेत्र से सक्रिय शराब व्यापारियों का भंड़ाफोड़ किया था। बागची और बसंती दास पर आईपीसी की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 354बी (नग्न करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग), 509 (शील का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द बोलना या कोई इशारा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। 28 अगस्त को महिला द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत पुलिस ने केस दर्ज किया।

पुलिस के अनुसार, महिला ने आरोप लगाया कि 27 अगस्त की शाम को वह और उसके ससुराल वाले अपने घर के बाहर खड़े थे जब बागची ने कथित तौर पर उन पर अपमानजनक और जातिवादी टिप्पणी की। उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने विरोध किया तो बागची ने उनके साथ मारपीट की।

विपक्षी दलों ने की गिरफ्तारी की निंदा

बागची की गिरफ्तारी की निंदा कर बीजेपी, कांग्रेस सहित अन्य कई दलों ने की है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेटर लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देबमाल्या बागची की गिरफ्तारी से भारतीय राजनीति में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने लिखा कि आपसे अनुरोध है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाने और संरक्षित करने के लिए जो आवश्यक है वह करें और उपकृत करें।

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