Teachers Recruitment Scam: CBI ने TMC MLA जीबन कृष्णा साहा को गिरफ्तार किया, 65 घंटे तक हुई थी पूछताछ, डर के मारे तालाब में फेंके फोन

सीबीआई ने टीएमसी विधायक जीबन कृष्णा साहा को 65 घंटे तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला (Bengal Teachers Recruitment Scam) केस में की गई है।

Vivek Kumar | Published : Apr 17, 2023 5:32 AM IST / Updated: Apr 17 2023, 11:09 AM IST

कोलकाता। बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला (Bengal Teachers Recruitment Scam) केस में सीबीआई ने टीएमसी विधायक जीबन कृष्णा साहा को 65 घंटे तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि विधायक जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

सीबीआई की एक टीम 14 अप्रैल को दोपहर करीब 2 बजे मुर्शिदाबाद जिले में स्थित विधायक के घर पर पहुंची थी। सीबीआई के अधिकारियों ने सोमवार सुबह तक उनसे पूछताछ की। सीबीआई उसे गिरफ्तार कर कोलकाता ले आई। शिक्षक भर्ती घोटाला में गिरफ्तार होने वाले साहा टीएमसी के तीसरे विधायक हैं। इससे पहले माणिक भट्टाचार्य और पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई को मिले कई अहम डॉक्यूमेंट्स

केंद्रीय सुरक्षा बलों की सुरक्षा के साथ सीबीआई की एक टीम मुर्शिदाबाद स्थित साहा के घर पहुंची थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तलाशी के दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने साहा के घर से घोटाले से जुड़े कई अहम डॉक्यूमेंट्स बरामद किए हैं।

डर के मारे तालाब में फेंके फोन

छापेमारी के दौरान विधायक ने डर के मारे अपने दो मोबाइल फोन घर के पास मौजूद तालाब में फेंक दिया था। उन्होंने मोबाइल फोन जांच एजेंसी के अधिकारियों से छीना और तोड़ दिया। सीबीआई ने एक फोन बरामद कर लिया है। तालाब से मोबाइल फोन निकालने के लिए पंप लगाकर पानी निकाला गया। तालाब को जल्दी से खाली करने के लिए दो और पंप लगाए गए हैं। एक फोन अभी नहीं मिला है।

सीबीआई सूत्रों के अनुसार मोबाइल फोन में घोटाले से जुड़े अहम राज हो सकते हैं। इसके चलते उसे खोजने की कोशिश की जा रही है। फोन से डिजिटल डेटा और सबूत बरामद किए जा सकते हैं।

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क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला?
2016 में पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने 13,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। रिजल्ट 27 नवंबर 2017 को आया। मेरिट लिस्ट में सिलीगुड़ी की बबीता सरकार 77 अंक के साथ टॉप 20 में शामिल थी। आयोग ने इस मेरिट लिस्ट को कैंसिल कर दिया और इसकी जगह दूसरी लिस्ट तैयार की। इस लिस्ट में बबीता सरकार का नाम वेटिंग में था। बबीता से कम नंबर पाने वाली अंकिता अधिकारी का नाम टॉप पर था। अंकिता तृणमूल कांग्रेस के एक मंत्री परेश अधिकारी की बेटी है। बबीता सरकार और कुछ लोगों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए रिटायर जज रंजीत कुमार बाग की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश भी दिए।

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