जंगलों से था बेंगलुरु ब्लास्ट के आरोपियों का रिश्ता, आखिरी क्यों आतंकी वीरप्पन से जुड़े किताबों से लेते थे मदद

गलुरु के फेमस रामेश्वरम कैफ बम ब्लास्ट की जांच को लेकर NIA लगातार गिरफ्तार किए गए आतंकियों से पूछताछ कर रही है।  NIA ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट में शामिल संदिग्ध आतंकी ताहा और शाजिब को 12 अप्रैल को कोलकाता में एक ठिकाने से गिरफ्तार किया था।

sourav kumar | Published : Apr 21, 2024 7:42 AM IST

बेंगलुरु ब्लास्ट। बेंगलुरु के फेमस रामेश्वरम कैफ बम ब्लास्ट की जांच को लेकर NIA लगातार गिरफ्तार किए गए आतंकियों से पूछताछ कर रही है। बता दें कि NIA ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट में शामिल संदिग्ध आतंकी ताहा और शाजिब को 12 अप्रैल को कोलकाता में एक ठिकाने से गिरफ्तार किया, जिसमें नौ लोग घायल हो गए थे। इसके बाद NIA तरह-तरह के खुलासे कर रही है। इसी बीच उन्हें एक ऐसी जानकारी हाथ लगी, जिसे सुनकर होश उड़ जाएंगे।  NIA की चार्जशीट के मुताबिक, ताहा और शाजिब पहले 20 सदस्यीय अल-हिंद मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसने दक्षिण भारत के जंगलों में IS प्रांत स्थापित करने की योजना बनाई थी।

ताहा और शाजिब जिस समूह से जुड़े हुए थे, वे लोग का समूह बेंगलुरु के गुरप्पनपल्या में पाशा के अल-हिंद ट्रस्ट कार्यालय से संचालित होता था। उन्होंने कर्नाटक के जंगलों के अंदर IS दैश्विलैया (प्रांत) स्थापित करने की योजना बनाई थी। इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल  के जंगलों में रहने के तरीके सीखने के लिए मशहूर चंदन तस्कर वीरप्पन पर लिखी गई किताबें खरीदी थी।  NIA ने अल-हिंद के 17 सदस्यों के खिलाफ अपने आरोप पत्र में कहा कि उनकी योजना कुछ हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को मौत के घाट उतारने के बाद बिना किसी की नजर में आए जंगल में चले जाने की थी।

अल-हिंद के सदस्यों में ताहा और शाज़िब भी शामिल

अल-हिंद के सदस्यों में ताहा और शाज़िब भी शामिल थे। उन्होंने तायक्वोंडो और कुंग फू की भी ट्रेनिंग ली थी। यहां तक ​​​​कि विभिन्न नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) जैसे विरोध प्रदर्शनों में भी भाग लिया। NIA की चार्जशीट के मुताबिक पाशा को भाई नामक एक ऑनलाइन हैंडलर से ऐसे काम करने के निर्देश मिल रहे थे।

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