संसद भवन के भीतर घुसपैठ करके अराजकता फैलाने वाले आरोप सोशल मीडिया की दुनिया में भी काफी एक्टिव हैं। वे कई मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी बातें शेयर करते हैं।
Lok Sabha Security Breach. संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था को तोड़कर सदन के भीतर अराजकता फैलाने वाले आरोपियों के बारे में रोज न रोज कुछ नए खुलासे हो रहे हैं। अब उनके सोशल मीडिया की गतिविधियां सामने आई हैं, जो कि हैरान करने वाली हैं। वे सभी आरोपी सोशल मीडिया पर स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के प्रति सम्मान दिखाते हैं। लोकलुभावन वादों का विरोध करते हैं और शहीदों के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हैं। इतना ही नहीं वे भगवान श्रीकृष्ण की नीतियों को भी फॉलो करते हैं।
13 दिसंबर 2023 की घटना
13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन के आरोपी विभिन्न क्षेत्रों, राजनीतिक और वैचारिक मान्यताओं को मानने वाले हैं। उनकी पढ़ाई भी अलग अलग स्तर की है लेकिन वे बेरोजगारी, क्रांतिकारी विचारों को शेयर करते हैं। सभी आरोपी क्रांतिकारी भगत सिंह के प्रति श्रद्धा दर्शाते हैं और लोक लुभावन वादों का विरोध करते हैं। यह बातें इनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से पता चली हैं। आरोपी सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला तो मनोरंजन डी मैसूरू के रहने वाले हैं। वहीं, नीलम हरियाणा के हिसार की है जबकि ललित झा कोलकाता का है। अमोल शिंदे महाराष्ट्र का रहने वाला है। इन विभिन्नताओं के बावजूद वे सोशल मीडिया पर एक ही तरह की विचारधारा को फॉलो करते हैं।
आरोपियों की सोशल मीडिया की दुनिया
नीलम के सोशल मीडिया पेज देखने से पता चलता है कि वह सामाजिक कार्यकर्ता और संविधान निर्माता डॉ. बीआर की कट्टर अनुयायी हैं। वह प्रगतिशील आजाद युवा संगठन (PAYS) नामक संगठन से जुड़ी हुई है। उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर स्थानीय मुद्दों के साथ निरस्त किए गए कृषि कानूनों, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे कई मुद्दों पर सक्रियता दिखती है। ललित झा सोशल मीडिया पर बीजेपी की योजनाओं का विरोधी है। वह भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधी की जगह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर लगाने का समर्थन करता है। तीसरा आरोपी अमोल शिंदे खेल प्रेमी है। वह भगत सिंह का टैटू बनवा रखा है। वह इंस्टाग्राम पर शहीदों के प्रति श्रद्धा दिखाता है। सागर शर्मा ने अपने बायो में खुद को लेखक, कवि, दार्शनिक और कलाकार बताता है। जबकि मनोरंजन डी सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव नहीं है।
जांच अधिकारियों को क्या मिला
आरोपियों की जांच करने वाले अधिकारियों का मानना है कि वे फेसबुक ग्रुप भगत सिंह फैन क्लब के जरिए मिले और बाद में अपनी बातचीत को सुरक्षित मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर ट्रांसफर कर लिया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों ने करीब डेढ़ साल पहले मनोरंजन डी के होम टाउन मैसूरु में मीटिंग की थी। फिर मई या जून में दूसरे शहर में दूसरी मीटिंग की गई। इसके बाद घटना को अंजाम दिया गया है। वे सभी सोशल मीडिया पर लगातार संपर्क में थे और अक्सर तस्वीरों में एक-दूसरे को टैग करते थे।
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