नई दिल्ली. देश में कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर आरएमएल के कुछ डॉक्टर्स ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि वैक्सीन का ट्रायल पूरा नहीं हुआ है, इसलिए उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई जाए। भारत बायोटेक ने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद अगर किसी व्यक्ति को गंभीर परेशानी हुई तो उसे मुआवजा देगी।
नई दिल्ली. देश में कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर आरएमएल के कुछ डॉक्टर्स ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि वैक्सीन का ट्रायल पूरा नहीं हुआ है, इसलिए उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई जाए। भारत बायोटेक ने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद अगर किसी व्यक्ति को गंभीर परेशानी हुई तो उसे मुआवजा देगी।
दरअसल, वैक्सीन लगवाने से पहले जिस फॉर्म पर हस्ताक्षर कराए जाते हैं उस सहमति फॉर्म पर बायोटेक ने लिखा है, अगर सरकार के किसी वैक्सीन केंद्र पर कोवैक्सीन लगवाने के बाद किसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है तो उसे कंपनी की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा।
सहमति पत्र में कहा गया, टीका लगवाने के बाद जिन सावधानियों का पालन करना है उसे मानना चाहिए। फॉर्म में टीका लगवाने वालों के डेटा भी प्राइवेसी का पूर्ण पालन करते हुए इस्तेमाल करने की सहमति मांगी गई है।
3006 साइट्स पर वैक्सीन लगाने की शुरुआत
देश में कोरोना के अंत की शुरुआत हो चुकी है। 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 3006 साइट्स पर एक साथ वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पहले फेज में हेल्थवर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण होगा। पहले दिन हर साइट पर कम से कम 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। पहले चरण में लगाए जा रही वैक्सीन मुफ्त है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था, केंद्र 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का खर्च देगी। भारत में वायरस से अब तक एक करोड़ 5.27 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 1.52 लाख लोगों की मौत हो चुकी है।