सोशल मीडिया पर आरएसएस के एक बड़े पदाधिकारी द्वारा नौकरियों में सिफारिश किए गए लोगों की एक लिस्ट वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि 2017 से 2022 तक विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां दिलाई गई या खनन व शराब के ठेके आवंटित कराने में मदद की गई है।
Big allegation on RSS office bearer: उत्तराखंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक बड़े पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार और अपने हित-मित्र-परिचितों-रिश्तेवालों को लाभ पहुंचाने, सरकारी नौकरियां दिलाने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक लिस्ट से पूरा संघ परिवार सकते में है। हालांकि, संघ ने इसे साजिश करार देते हुए बदनाम करने के लिए रचा गया षडयंत्र बताया है। शनिवार को आरएसएस के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश भी की है। उधर, मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दे दिया है। साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर आरएसएस के एक बड़े पदाधिकारी द्वारा नौकरियों में सिफारिश किए गए लोगों की एक लिस्ट वायरल हो रही है। इस लिस्ट में दावा किया गया है कि जो नाम लिस्ट में हैं, वह संघ के पदाधिकारी के दोस्त, परिचित व रिश्तेदारों के नाम है जिनकी सिफारिश सरकारी नौकरी के लिए की गई है। दावा किया जा रहा है कि 2017 से 2022 तक विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरियां दिलाई गई या खनन व शराब के ठेके आवंटित कराने में मदद की गई है।
कांग्रेस ने मोर्चा खोला...
आरएसएस पदाधिकारी की सिफारिश से मिले लोगों की सूची वायरल होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने दावा करते हुए सूची भी साझा की कि इसकी सत्यता की पुष्टि हो चुकी है। उत्तराखंड कांग्रेस की गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी ने कहा कि लिस्ट सही है। सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए और हाईलेवल कमेटी गठित कर जांच होनी चाहिए। दसौनी ने दावा किया कि आरएसएस पदाधिकारी ने अपने कई दोस्तों, परिचितों और रिश्तेदारों को विभिन्न सरकारी पदों पर नियुक्त कराया। शराब व खनन के ठेके दिलाने में अपने पद का दुरुपयोग किया है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जांच शुरू
उधर, संघ के प्रतिनिधिमंडल के मिलने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने डीजीपी अशोक कुमार को इस मामले में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। सीएम के आदेश के बाद उत्तराखंड पुलिस ने जांच में तेजी कर दी है। पुलिस ने साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 501, 505 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
यह भी पढ़ें:
पीएम मोदी ने लांच किया राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स पॉलिसी, जानिए इस नीति से आपके जीवन में क्या आएगा बदलाव