शुक्रवार को बिपारजॉय चक्रवात कमजोर पड़ गया। इसके पहले वह कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने लगा। चक्रवात ने गुजरात के एक हजार से अधिक गांवों में बिजली व्यवस्था ध्वस्त कर दी है।
नई दिल्ली। बिपारजॉय साइक्लोन गुजरात में तबाही मचाकर आगे बढ़ चुका है। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे किया। गृह मंत्री, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ भुज पहुंचे। दोनों ने सबसे पहले बिपारजॉय प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। इसके बाद शाह ने भुज में रिव्यू मीटिंग भी किया।
कच्छ और सौराष्ट्र में भारी तबाही
शुक्रवार को बिपारजॉय चक्रवात कमजोर पड़ गया। इसके पहले वह कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने लगा। चक्रवात ने गुजरात के एक हजार से अधिक गांवों में बिजली व्यवस्था ध्वस्त कर दी है। तूफान की वजह से एक हजार से अधिक गांवों में बिजली के पोल्स और हजारों पेड़ उखड़े पड़े हैं। अब राज्य सरकार के सामने एक हजार से अधिक गांवों में बिजली बहाली के साथ साथ सड़क, कनेक्टिंग रोड्स व पुनर्वास की चुनौती है। हालांकि, रास्तों पर से पेड़ व पोल्स को हटाना सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रही है।
उत्तरी गुजरात में भारी बारिश की आशंका
गुरुवार की शाम को कच्छ के तट पर बिपारजॉय टकराया, इसके बाद वह कमजोर पड़ चुका है। उधर, भारतीय मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि उत्तरी गुजरात में भारी बारिश हो सकती है। जबकि सरकार ने कहा कि गुजरात में चक्रवात बिपरजोय (जिसका अर्थ बंगाली में आपदा है) के कारण कोई जनहानि नहीं हुई है।
समय से लोगों को निकाल लिया गया बाहर
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के हवाले से बताया गया कि चक्रवात को देखते हुए पहले ही एक लाख से अधिक लोगों को तटीय क्षेत्रों से बाहर निकाल लिया गया था। यही कारण है कि इस खतरनाक चक्रवात में भी कोई जान की हानि नहीं हुई। गुजरात सीएमओ द्वारा बताया गया कि बिजली बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीमें काम कर रही हैं। वन विभाग की टीमों ने सड़कों से गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है। 1,09,000 व्यक्तियों को तटीय क्षेत्रों से अस्थायी शेल्टर्स में ट्रांसफर किया गया था जिनमें 10,918 बच्चे, 5,070 वरिष्ठ नागरिक और 1,152 गर्भवती महिलाएं थीं।
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