World Media की नजर में Bipin Rawat: डॉन ने की तारीफ, NYT ने लिखा- चीन को आंखें दिखा बाइडेन के करीब आए रावत

पूरी दुनिया की मीडिया (World media) ने सीडीएस बिपिन रावत के निधन की खबर को प्रमुखता से छापा है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (New York times) ने जनरल रावत को सेना का आधुनिकीकरण करने वाला अफसर बताया तो बीबीसी ने दुनियाभर के नेताओं और सेलिब्रिटीज की तरफ से बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी।

नई दिल्ली। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) के हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन की खबर पूरी दुनिया भर की मीडिया (World Media) ने प्रमुखता से ली। पाकिस्तानी अखबार डॉन (Pakistani News Paper Dawn) ने भी इसे पहले पेज पर जगह दी और रावत को श्रद्धांजलि दी। अखबार ने उन्हें मोदी का करीबी बताया है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने जनरल रावत को सेना का आधुनिकीकरण करने वाला अफसर बताया तो बीबीसी ने दुनियाभर के नेताओं और सेलिब्रिटीज की तरफ से बिपिन रावत को श्रद्धांजलि दी। हालांकि, चीन मीडिया ने CDS रावत की खबरों को सिर्फ जानकारी तक सीमित रखा। पढ़ें, दुनियाभर की मीडिया ने बिपिन रावत के बारे में क्या लिखा ... 

DAWN (पाकिस्तान) अखबार ने पहले पन्ने पर इस खबर को जगह दी है। डॉन ने लिखा-  रावत 13 लाख क्षमता वाली सशक्त सेना के चीफ थे। अखबार ने म्यांमार में घुसकर रावत के ऑपरेशन का जिक्र किया है, लेकिन इसमें POK की सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र नहीं है। डॉन ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का करीबी बताते हुए पाकिस्तान के आर्मी अफसरों की श्रद्धांजलि को भी खबर में जगह दी है। डॉन ने लिखा - रावत एक सैन्य परिवार से आते हैं, जिनकी कई पीढ़ियों ने भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा की है। उसने लिखा है कि रावत ने 'कब्जे वाले कश्मीर' और चीन की सीमा से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना की कमान संभाली है। 

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New York Times (अमेरिका)  India’s Top Military General Dies in Helicopter Crash हैडलाइन से खबर बनाई है। उसने लिखा है कि सेनाओं को आधुनिक बनाने में जुटे सीडीएस रावत का हेलकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया। अखबार लिखता है कि जनरल रावत का निधन भारत के लिए बड़ा नुकसान है, क्योंकि उन्होंने सशस्त्र बलों के विभिन्न विंगों के प्रमुख के रूप में समन्वय किया। अखबार ने लिखा - भारत के कट्टर दुश्मन, पाकिस्तान के साथ निरंतर युद्ध के अलावा, पिछले साल चीनी सेना के साथ घातक झड़पों के बाद 10 हजार से अधिक सैनिक सीमा पर बने हुए हैं। ऐसे में रावत का निधन भारत के लिए बड़ा नुकसान है।  

BBC (ब्रिटेन) सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के हवाले से लिखा कि बिपिन रावत अमेरिका के लिए वॉशिंगटन के लिए बेहद अहम पार्टनर थे। बीबीसी ने ऑस्टिन के हवाले से लिखा कि - जनरल रावत ने अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी के दौरान एक अमिट छाप छोड़ी और भारतीय सशस्त्र बलों के अधिक संयुक्त रूप से एकीकृत युद्ध लड़ने वाले संगठन में परिवर्तन के केंद्र में थे। BBC ने अमेरिकी नेताओं के अलावा कई हस्तियों के पोस्ट्स को श्रद्धांजलि में शामिल किया है, जिसमें टोक्यो ओलिंपक के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) का ट्वीट भी शामिल है। 

Washington Post (अमेरिका)  वॉशिंगटन पोस्ट ने पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) का जिक्र करते हुए लिखा है कि इसने भारत में आम चुनावों से कुछ समय पहले राष्ट्रवाद की भावनाएं जगाई थीं। उसने लिखा - रावत भारत की तीनों सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए काम कर रहे थे। हाल में हिमालयी सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के दौरान रावत भारत के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में पाकिस्तान के बजाय बीजिंग को चिह्नित करने वाले सबसे मुखर भारतीय अधिकारियों में से एक थे। उन्होंने चीन का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना को बाइडेन प्रशासन के करीब खींच लिया। अक्टूबर में, वे अपने अमेरिकी समकक्ष, सेना के जनरल मार्क ए मिले, और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के साथ घनिष्ठ सहयोग पर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन का दौरा किया।

Al jazeera (कतर)  रावत को श्रद्धांजलि देते हुए खबर में म्यांमार में घुसकर स्ट्राइक करने की घटना का उल्लेख किया है। वेबसाइट ने लिखा है- पिछले महीने, रावत ने टीवी पर यह कहकर एक और विवाद खड़ा कर दिया कि कश्मीर के निवासी खुद आतंकवादियों को मार डालने की पेशकश कर रहे हैं और यह एक बहुत सकारात्मक संकेत था। जल जजीरा लिखता है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित है, लेकिन दोनों देश पूरे हिमालयी क्षेत्र पर दावा करते हैं। जल जजीरा ने रावत की उपलब्धियों में कश्मीर और चाइना सीमाओं पर सेनाओं को कमांड करने की भी जानकारी दी है। 

Daily mail (UK) वेबसाइट ने जनरल रावत को भारत के उत्तरपूर्वी सीमा पर उग्रवाद को कम करने का श्रेय दिया है। उसने लिखा है कि पड़ोसी म्यांमार में सीमा पार से आतंकवाद विरोधी अभियान की निगरानी में रावत का बड़ा हाथ रहा। खबर में बताया गया है कि रावत 13 लाख क्षमता वाली मजबूत भारतीय सेना के प्रमुख रहे। उन्होंने पहले सीडीएस बनकर नौसेना और वायु सेनाओं के बीच इंटीग्रेशन कर इन्हें मजबूती दी। डेली मेल ने आतंकवादियों की पीट-पीटकर हत्या करने वाले रावत के बयानों का जिक्र किया है।  

China Daily (चीन) चाइना डेली ने अपनी वेबसाइट में सिर्फ खबर लगाई है। उसने इसमें चीन पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर सीडीएस के कदमों का कोई उल्लेख नहीं किया है। यहां तक कि म्यांमार और पाकिस्तान में घुसकर आतंकी शिविर नष्ट करने की जानकारी भी खबर में नहीं है। चाइना डेली लिखता है -  63 वर्षीय रावत ने पूरे तीन साल के कार्यकाल के लिए सेना प्रमुख के रूप में सेवा करने के बाद, 31 दिसंबर, 2019 को भारत के पहले सीडीएस के रूप में कार्यभार संभाला। सीडीएस भारत में सर्वोच्च सैन्य जनरल थे। इस पद की स्थापना तीन सेवाओं - थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एकीकृत करने के उद्देश्य से की गई थी। वेबसाइट ने हादसे की जानकारी देते हुए एयरफोर्स द्वारा इसकी जांच कराने की जानकारी दी है।

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