सार

 तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) अकेले बचे हैं। वे बुरी तरह झुलस गए हैं और उनकी हालत गंभीर है।

भोपाल। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में हुए हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका (Madhulika Rawat) समेत 13 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) अकेले बचे हैं। वे बुरी तरह झुलस गए हैं और उनकी हालत गंभीर है। वरुण उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवरिया (Deoria) जिले के रहने वाले हैं। वरुण को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) से सम्मानित किया था। उन्हें ये अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया गया था। वरुण ने आपदा के वक्त भी धैर्य नहीं धोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी।

वरुण के पिता केपी सिंह (KP Singh) इस समय मध्य प्रदेश के भोपाल (Bhopal) में रहते हैं। उन्हें हादसे की जानकारी लगी तो बेहद दुख जताया। सिंह ने कहा- मेरा बेटा बहादुर है, वो हर परिस्थिति से लड़ना जानता है। केपी सिंह खुद सेना में कर्नल रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका छोटा बेटा तनुज सिंह भी नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर है। उन्होंने बताया कि तनुज की बेटी के बर्थडे में शामिल होने वे मुंबई गए थे। वहीं उन्हें हादसे की जानकारी मिली है। केपी सिंह की पत्नी और वरुण की मां उमा अपने छोटे बेटे तनुज के साथ बेंगलुरु के रास्ते वेलिंग्टन के  लिए रवाना हो गए हैं। हादसे की सूचना मिलने पर वरुण के पिता के घर पड़ोस में रहने वाले लोग भी पहुंच गए। यहां सभी लोग वरुण के जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं।

दो हफ्ते पहले ही भोपाल आए थे वरुण सिंह
वरुण के पिता केपी सिंह भोपाल की कोर 24 से रिटायर्ड होने के बाद यहीं बस गए। वे भोपाल की एयरपोर्ट स्थित सनसिटी कॉलोनी के इनरकोर्ट अपार्टमेंट की पांचवी मंजिल पर  रहते हैं। सिंह के पड़ोसी और लेफ्टिनेंट कर्नल ईशान आर ने बताया कि दो सप्ताह पहले ही वरुण भोपाल आए थे और 10 दिन तक यहीं रुके थे। वरुण ने सबसे मुलाकात की थी। वरुण काफी मिलनसार स्वभाव के हैं। बता दें कि वरुण के घर में तीनों सेनाओं के सदस्य हैं। पिता केपी सिंह कर्नल रहे हैं। खुद वरुण ग्रुप कैप्टन और उनके छोटे भाई तनुज सिंह लेफ्टिनेंट कमांडर हैं।

वरुण चंडीगढ़ में पढ़े
वरुण सिंह के परिवार में पत्नी और एक बेटा-बेटी है। उन्हें सीडीएस बिपिन रावत को रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल ऑफिसर बनाया गया है। वरुण ने चंडीगढ़ के चंडी मंदिर स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद साल 2004 में उनका एनडीए में सिलेक्शन हो गया।

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