कांग्रेस पर लगा दलित विरोधी होने का आरोप, कहा-के.सुरेश की हार निश्चित लेकिन फिर भी उनको दलित चेहरा बताकर बलि देना चाहती

सत्तापक्ष ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस केवल दलितों का इस्तेमाल करती है। इस बार भी दलित चेहरा उतारकर उनकी आहूति देने में जुटी हुई है।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 25, 2024 11:57 AM IST / Updated: Jun 26 2024, 12:48 AM IST

नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। आजाद भारत में पहली बार लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन रही है। सत्तापक्ष ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस केवल दलितों का इस्तेमाल करती है। इस बार भी दलित चेहरा उतारकर उनकी आहूति देने में जुटी हुई है। दरअसल, डिप्टी स्पीकर का पद परंपरानुसार विपक्ष को नहीं मिलने के बाद कांग्रेस ने अपने वरिष्ठतम सांसद और दलित नेता के.सुरेश को स्पीकर पद का प्रत्याशी बना दिया है। बीजेपी ने एनडीए की ओर से पूर्व स्पीकर ओम बिरला का फिर से पर्चा दाखिला कराया है।

क्या है कांग्रेस पर आरोप?

कांग्रेस पर आरोप लगा है कि वह आजादी के बाद से ही दलित चेहरों की कुर्बानी अपने फायदा के लिए करती रही है। आरोप है कि 1951 में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जी के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद, नेहरू कांग्रेस ने 1952 के चुनावों में बॉम्बे नॉर्थ में उनकी हार सुनिश्चित की। सत्तापक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने फिर से भंडारा से 1954 के उपचुनाव में अंबेडकर की हार सुनिश्चित की। नेहरू ने उनके खिलाफ सक्रिय रूप से प्रचार किया। कांग्रेस में चुनावों के लिए दलित उम्मीदवारों का अनुचित रूप से उपयोग करने की प्रवृत्ति रही है, जो निश्चित रूप से एक हारी हुई लड़ाई है। कहा कि 2002 में उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सुशील कुमार शिंदे को नामित किया, जिसमें वे हार गए। 2017 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए मीरा कुमार को नामित किया, जिसमें वे हार गईं। सत्ताधारी दल ने आरोप लगाया कि अब कुटिल कांग्रेस ने एक दलित के. सुरेश को अध्यक्ष पद के लिए नामित किया है जबकि वे अच्छी तरह जानते हैं कि इस चुनाव में उनकी निर्णायक हार होगी।

दरअसल, डिप्टी स्पीकर पद के लिए विपक्ष अडिग है लेकिन मोदी सरकार इस पर राजी नहीं है। डिमांड पूरी नहीं होने पर विपक्ष ने स्पीकर पद के लिए प्रत्याशी उतार दिया है। अभी तक की परंपरा रही है कि स्पीकर का नाम सत्ताधारी दल देता है और सर्वसम्मति से चुन लिया जाता है। डिप्टी स्पीकर विपक्ष की ओर से तय होता है। 

यह भी पढ़ें:

अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से मिली जमानत को हाईकोर्ट ने किया रद्द, कहा-जमानत देते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया गया

Share this article

Latest Videos

click me!

Latest Videos

पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू के जीवन पर आधारित पुस्तकों का किया विमोचन
'लालू लूटते रहे और तेजस्वी की माता जी...' सम्राट चौधरी के Samrat Choudhary के इस बयान पर बवाल तय
Amarnath Yatra 2024 : पहली बार बाबा बर्फानी के दरबार आए लोगों का कितना रोमांचक रहा सफर, क्या बदला
T20 World Cup की बधाई के बहाने Sanjay Singh ने कह दी बड़ी बात #Shorts #sanjaysingh
Sanjay Singh : Arvind Kejriwal की गिरफ्तारी के खिलाफ INDIA गठबंधन ने बनाया मास्टर प्लान