बीजेपी के दिग्गज नेता सैयद शाहनवाज हुसैन को हार्ट अटैक, मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में एडमिट

Published : Sep 26, 2023, 08:21 PM ISTUpdated : Sep 27, 2023, 12:38 AM IST
Bihar election: In Atal Bihari Vajpayee's time, Shahnawaz Hussain and Rajiv Pratap Rudy of Bihar were considered as firebrand neja, now the party is busy with work

सार

पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन मंगलवार को मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार के घर पर थे, उसी समय उनकी हालत बिगड़ी। आनन फानन में उनको अस्पताल पहुंचाया गया।

मुंबई। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन को मंगलवार की शाम को हार्ट अटैक आया है। गंभीर हालत में उनको मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन मंगलवार को मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार के घर पर थे, उसी समय उनकी हालत बिगड़ी। आनन फानन में उनको अस्पताल पहुंचाया गया।

लीलावती अस्पताल में भर्ती कराए गए पूर्व मंत्री की हालत स्थिर

सैयद शाहनवाज हुसैन (54) को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर्स ने उनकी एंजियोप्लास्टी की है। डॉक्टर्स की रिपोर्ट के अनुसार उनकी हालत अभी स्थिर बनी हुई है। बताया जा रहा है कि शाहनवाज हुसैन मुंबई बीजेपी अध्यक्ष और बांद्रा के विधायक आशीष शेलार के घर पर थे। उसी दौरान उनको दिक्कत महसूस हुई। बीते अगस्त में शाहनवाज हुसैन को एम्स में भर्ती कराया गया था। हालांकि, तब डिस्चार्ज करने के बाद उनको आराम की सलाह डॉक्टर्स ने दी थी।

अटल की पसंद थे शाहनवाज

पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की खोज थे। साल 1997 में अटल बिहारी बाजपेयी ने शाहनवाज हुसैन का स्पीच सुना था। इससे प्रभावित होकर उन्होंने टॉप लीडरशिप को शाहनवाज हुसैन को संसद में भेजने की बात कही। अटल जी ने कहा था कि अगर यह लड़का संसद में पहुंचा तो कईयों की छुट्टी कर देगा। हालांकि, अटल बिहारी बाजपेयी का अनुमान सच साबित हुआ। शाहनवाज, बीजेपी के प्रखर प्रवक्ताओं में एक रहे हैं। वह तमाम बार बीजेपी के संकट मोचक बनते हुए विपरीत परिस्थितियों में बड़े-बड़े मुद्दों पर दमदारी से पक्ष रखते हुए देखे गए हैं। इंजीनियरिंग डिग्रीधारक सैयद शाहनवाज हुसैन के पास पांच-पांच मंत्रालय संभालने का अनुभव है। पहली बार 2005 से बिहार के कटिहार से वह विधायक चुने गए थे। 2010 में दोबारा विधायक बनें और फिर मंत्री बनाए गए। 2001 में उनको केंद्र में मंत्री बनाया गया।

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