बेंगलुरु में दुकान और ऑफिस के बाहर लगाए जाने वाले साइनबोर्ड 60 फीसदी कन्नड़ भाषा में हो, भाजपा ने इस नियम का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बेंगलुरु इंग्लैंड नहीं है।
बेंगलुरु। कर्नाटक में भाषा विवाद तेज हो गया है। बेंगलुरु नगर निगम ने आदेश जारी किया है कि दुकान और ऑफिस के बाहर लगाए जाने वाले 60 फीसदी साइनबोर्ड कन्नड़ भाषा में होने चाहिए। बुधवार को कन्नड़ समर्थक संगठनों ने इस आदेश को तुरंत लागू करने को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान अंग्रेजी में लगे साइनबोर्ड को तोड़ा गया।
भाजपा ने भी 60 फीसदी कन्नड़ नियम का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हिंसा की निंदा की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि साइनबोर्ड स्थानीय भाषा में लगाए जाने चाहिए। बेंगलुरु इंग्लैंड नहीं है।
प्रह्लाद जोशी बोले-इंग्लैंड नहीं है बेंगलुरु
प्रह्लाद जोशी ने कहा, "साइबोर्ड ऐसा होना चाहिए जिसे हर कोई पढ़ सके न कि सिर्फ अंग्रेजी जानने वाले लोग। अंग्रेजी के साथ ही कन्नड़ और हिंदी जैसी दूसरी भाषा में साइनबोर्ड लिखने में क्या नुकसान है? यह (बेंगलुरु) इंग्लैंड नहीं है। अगर कहीं हिंसा हुई है तो इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती, लेकिन इन लोगों (दुकानदारों) को भावना और जरुरत को समझना चाहिए।"
दरअसल, बेंगलुरु नगर निगम ने आदेश जारी किया है कि 60% साइनेज कन्नड़ भाषा में लिखे जाने चाहिए। नियम के पालन के लिए 28 फरवरी 2024 तक का समय दिया गया है। बुधवार को कन्नड़ समर्थक समूहों ने आदेश को तत्काल लागू किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान 20 से अधिक दुकानों में तोड़फोड़ की गई।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कर्नाटक में रहने वालों को सीखना चाहिए कन्नड़
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अक्टूबर में एक बयान देकर भाषा विवाद को हवा दी थी। उन्होंने कहा था, “हम सभी कन्नड़ हैं। अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग यहां बस गए हैं। इस राज्य में रहने वाले सभी लोगों को कन्नड़ बोलना सीखना चाहिए।”
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इसके बाद बेंगलुरु नगर निगम BBMP ने आदेश जारी किया कि सभी कारोबारियों और दुकानदारों को अपने 60 फीसदी साइन बोर्ड कन्नड़ में रखने होंगे। 28 फरवरी तक आदेश का अनुपालन करना था। ऐसा नहीं करने पर लाइसेंस निलंबन किए जाएंगे।
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