सोनिया-राहुल गांधी पर क्यों चलना चाहिए देशद्रोह का केस, राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया कारण

Published : Aug 12, 2023, 02:57 PM ISTUpdated : Aug 12, 2023, 04:43 PM IST
Rajyavardhan Rathore

सार

भाजपा सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2008 में बीजिंग ओलंपिक में खिलाड़ियों से मिलने के बहाने आए थे। उन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से मुलाकात की और गुप्त समझौता किया। 

नई दिल्ली। भाजपा सांसद राज्यवर्धन राठौड़ (Rajyavardhan Rathore) ने कहा है कि 2008 में चीन में बीजिंग ओलंपिक का आयोजन किया गया था। इस दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी यह कहकर चीन आए थे कि खिलाड़ियों से मिलना है। उन्होंने खिलाड़ियों से भेंट करने की जगह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से मुलाकात की। इसके लिए उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

राठौड़ के इस बयान पर कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट किया है और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही किए जाने की मांग की है। माकन ने अपने ट्वीट में एक खबर को पोस्ट किया है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है, "एक पूर्व खेल मंत्री के रूप में मैं राज्यवर्धन राठौड़ से पूछ रहा हूं कि क्या नीचे दिया गया खबर सच है? यदि यह सच है तो दिल्ली विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के रूप में मैं अपने सदन के नेताओं से राठौड़ के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध करता हूं।

 

 

सोनिया गांधी ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ किया था गुप्त समझौता

राठौड़ ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा, "2008 में बीजिंग (चीन की राजधानी) में ओलंपिक का आयोजन किया गया था। इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी आए थे। उन्होंने खिलाड़ियों से मिलने का बहाना किया था। मैं खुद वहां था। दो मिनट के लिए उनकी गाड़ी सड़क पर खड़ी हुई और चली गई। उन्होंने 2008 में ऐसा क्या खास किया जिसके लिए मैंने सदन में कहा कि इनके ऊपर गद्दारी का मुकदमा चलना चाहिए। 2008 में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के साथ उन्होंने वहां सरकार की तरफ से समझौता नहीं किया, कांग्रेस पार्टी की तरफ से कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना से एक गुप्त समझौते के लिए आईं थी। वो गुप्त समझौता क्या है ये देश जानना चाहता है।"

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उन्होंने कहा, “ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ और ना ही ऐसी चीज की इजाजत है कि कोई राजनीतिक दल एक देश के प्रतिद्वंद्वी के साथ और वहां मल्टी पार्टी सिस्टम नहीं है। मल्टी पार्टी सिस्टम हिन्दुस्तान में है। वहां पर एक ही पार्टी है जो सरकार चलाती है। उस समय उनके जनरल सेक्रेटरी कौन थे, शी जिनपिंग जो आज चीन के राष्ट्रपति हैं। उनके साथ राहुल गांधी ने समझौते पर साइन किए। ऐसा क्या समझौता हुआ था? उस गुप्त समझौते को भारत देखना चाहता है। ऐसा अगर कोई सैनिक कर दे तो उसके खिलाफ कोर्ट मार्शल होगा। गद्दारी का मुकदमा होगा। लेकिन जो भारत की सेना को कंट्रोल करते हैं वो जाकर वहां गुपचुप समझौता कर रहे हैं। उनके खिलाफ गद्दारी का केस क्यों नहीं होना चाहिए? मैं अपनी बात पर कायम हूं।”

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