महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर भाजपा ने जवाब दिया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भाजपा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि जब देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में शिवसेना और भाजपा ने बहुमत हासिल किया था, तो यह उनकी नैतिक जीत थी।
मुंबई. महाराष्ट्र में सीएम पद की शपथ लेने के बाद शनिवार शाम मुख्यमंत्री फडणवीस मुंबई स्थित पार्टी दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मोदी है तो मुमकिन है।
फडणवीस ने कहा, हम महाराष्ट्र को स्थिर सरकार देंगे। इससे पहले मुंबई दफ्तर पर देवेंद्र फडणवीस का भव्य स्वागत हुआ। मुंबई भाजपा दफ्तर में फडणवीस और अजित पवार के लिए नारे लगाए गए।
भाजपा ने कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के आरोपों का दिया जवाब
इससे पहले सरकार गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर भाजपा ने जवाब दिया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भाजपा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि जब देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में शिवसेना और भाजपा ने बहुमत हासिल किया था, तो यह उनकी नैतिक जीत थी। देवेंद्र फडणवीस को जनादेश मिला था, शिवसेना के प्रदर्शन में भी बीजेपी का बड़ा योगदान रहा।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, जब कांग्रेस, एनसीपी शिवसेना के साथ सरकार बनाने जा रही थी क्या तब ये लोकतंत्र की हत्या नहीं थी। शिवसेना ने 30 साल पुरानी दोस्ती तोड़ी तब लोकतंत्र की हत्या नहीं हुई? जब अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी का एक बड़ा हिस्सा शामिल हुआ तो ये लोकतंत्र की हत्या हो गई। ये लोग चोर दरवाजे से देश की आर्थिक राजधानी में कब्जा करना चाह रहे थे।
बाला ठाकरे का कांग्रेस के लिए विरोध जगजाहिर था
उन्होंने कहा, एनसीपी कह रही थी कि हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है, यही बात कांग्रेस कह रही थी, लेकिन अचानक से ही ये जनादेश मैच फिक्सिंग कुर्सी पर बैठने के लिए कैसे हो गई। बाला ठाकरे जी के बारे में कुछ नहीं बोलना, वे लगातार कांग्रेस के विरोध में थे, उनका ये विरोध जगजाहिर था। इसी के चलते भाजपा और शिवसेना साथ आई थी। कुछ लोग शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं। सत्ता के लिए विचारधाराओं की हत्या करने वाले छत्रपति शिवाजी की बात ना करें तो ठीक है।
महाराष्ट्र में बड़ा उलटफेर हुआ, फडणवीस फिर बने सीएम
महाराष्ट्र में सत्ता को लेकर 30 दिन से चल रहा सियासी ड्रामा शनिवार को खत्म हो गया। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। हालांकि, शरद पवार का कहना है कि उन्हें अजित पवार के इस फैसले की कोई जानकारी नहीं थी।