कृषि कानूनों को एक साल पूरे होने पर शिरोमिण अकाल दल के Black Friday प्रोटेस्ट मार्च को देखते हुए बॉर्डर सील

Published : Sep 17, 2021, 08:42 AM ISTUpdated : Sep 17, 2021, 12:58 PM IST
कृषि कानूनों को एक साल पूरे होने पर शिरोमिण अकाल दल के Black Friday प्रोटेस्ट मार्च को देखते हुए बॉर्डर सील

सार

तीन कृषि कानूनों (agricultural laws)को लागू हुए आज एक साल पूरे हुए। इसी के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने Black Friday प्रोटेस्ट मार्च का अयोजन किया है।

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (agricultural laws) के खिलाफ कुछ किसान संगठनों के अलावा विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं। इन कानून को लागू हुए आज पूरे एक साल हो गए। इसी के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने 'ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च' का आयोजन किया है। इसके मद्देनजर दिल्ली के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। उधर, गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर चर्चा की थी।

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शांतिपूर्ण आवाजों को दबाया जा रहा है
प्रोटेस्ट के मद्देनजर पुलिस व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसे लेकर पार्टी ने विरोध जताया है। पार्टी ने एक tweet के जरिये कहा कि पंजाबियों का दिल्ली में प्रवेश रोका जा रहा है। शांतिपूर्ण आवाजों को दबाया जा रहा है। बता दें कि मार्च का आह्वान शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और सांसद हरसिमरत कौन बादल ने किया था। 

पुलिस ने नहीं दी थी अनुमति
हालांकि इस प्रोटेस्ट को लेकर पुलिस-प्रशासन ने पार्टी को अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद पार्टी मार्च निकालने पर अड़ी रही। गुरुवार को दिल्ली में आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने आ रहे आंदोलनकारियों को बॉर्डर पर ही रोक लिया गया था। उनकी गाड़ियों को वापस लौटा दिया गया था। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने झाड़ोदा बॉर्डर पर ही रोक लिया था। यहां आंदोलनकारियों ने पुलिस से झूमाझटकी की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद CRPF ने उन्हें पीछे धकेल दिया। पुलिस का कहना है कि कोविड नियमों की वजह से इस मार्च को परमिशन नहीं दी गई थी।

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आप भी विरोध में
पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी काला दिवस मनाने का ऐलान किया था। आप विधायक कुलतार सिंह संधवाना ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में नाराजगी है। बता दें कि 17 सितंबर, 2020 को तीन कृषि कानून संसद में पास कर दिए गए थे।

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टिकैत ने कहा कि भीख नहीं चाहिए
उधर, किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें पीएम मोदी से उनके जन्मदिन पर कोई तोहफा या भीख नहीं चाहिए। सरकार का कहना है कि वो 18 महीने तक और कृषि कानून लागू नहीं करेगी। इसलिए हम 6 महीन और इंतजार कर लेते हैं। टिकैत ने कहा कि गांवों की मंडियां बिकने लगी हैं। एमएसपी की कोई गारंटी नहीं है। अनाज सस्ता बिक रहा है।

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