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PM Modi Birthday: पीएम मोदी किसे मानते हैं सबसे बड़ी चुनौती..ऐसी 7 क्वालिटी जो युवा उनसे सीख सकता है
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पीएम मोदी की इस खासियत को सचिन तेंदुलकर के एक कोट से समझाते हैं। सचिन तेंदुलकर ने 17 अक्टूबर 2008 को ब्रायन लारा का एक रिकॉर्ड तोड़ा था। खेल खत्म हुआ तो सचिन ने एक टिप्पणी की, जो खूब चर्चा में रही। उन्होंने कहा, लोग आप पर पत्थर फेंकते हैं और आप उन्हें मील के पत्थर में बदल लें। ये कथन पीएम मोदी के लिए एकदम सटीक बैठता है। उन्होंने भी उन पत्थरों को मील के पत्थर में बदल दिया। साल 2005 में अमेरिका ने पीएम मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया। लेकिन वही अमेरिका है, जिसने कई मौकों पर पीएम मोदी की तारीफ की।
पीएम मोदी की ये खासियत गुजरात चुनाव में दिखी थी। मणिशंकर अय्यर ने एक बार पीएम नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा था। नरेंद्र मोदी ने चाय-वाला टैग को अपनी पहचान बना लिया। अपने हर भाषण में एक या दो बार इसका जिक्र जरूर करते थे। वे यहीं पर नहीं रुके। चुनाव प्रचार के दौरान "चाय पे चर्चा" कार्यक्रम भी शुरू कर दिया।
पीएम मोदी खुद को समय के साथ अपडेट करते हैं। टेक्नॉलीजा का इस्तेमाल और कम्युनिकेशन के नए तरीके सीखने में पीएम मोदी हमेशा आगे रहते हैं। उन्होंने #Sandesh2Soldiers, #MyCleanIndia, #IncredibleIndia, #SelfieWithDaughter जैसे कई नए कैंपेन भी चलाए, जिनसे देश-विदेश में करोड़ों लोग प्रभावित हुए। #SelfieWithDaughter भारत में नंबर 1 ट्विटर ट्रेंड बन गया था और दुनिया भर में भी ट्रेंड होने लगा था।
पीएम मोदी से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि आप किसे अपना सबसे बड़ा चैलेंजर मानते हैं। तब पीएम मोदी ने कहा था, आपको ही अपना सबसे बड़ा चैलेंजर होना चाहिए। सुधार करने के लिए हमेशा खुद से तुलना करें। मोदी को केवल मोदी ही चुनौती दे सकते हैं। मैंने कई बार मोदी को चुनौती दी है और लगभग हर बार जीता हूं।
पीएम मोदी कभी भी कड़े फैसले लेने से नहीं हिचके। उसका सबसे बड़ा उदाहरण कश्मीर से धारा 370 को हटाना है। ये इतना विवादित मुद्दा था, लेकिन पीएम मोदी ने इसपर एक स्टैंड लिया। इसके अलावा नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले उनकी इस खासियत को बखूबी बयां करता है।
पीएम मोदी के लिए कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है। उनके बारे में कहा जाता है कि वे 18-18 घंटे तक काम करते हैं। पीयूष गोयल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए पीएम मोदी 18-19 घंटे काम करते थे। उन्होंने खुद को पीएम से ज्यादा प्रधान-सेवक माना है। उन्होंने कभी भी अपने परिवार को अपने पद का लाभ नहीं दिया। उनका परिवार आज भी सामान्य परिवार की तरह ही रहता है। मोदी हमेशा अपने जन्मदिन पर मां का आशीर्वाद लेने घर जाते हैं।
पीएम मोदी की ये सबसे बड़ी खासियत है। वे अपने फैसलों और कार्यक्रमों से कई बार चौंका देते हैं। चाहे कोरोना महामारी के दौरान कोरोना का फुल फॉर्म (को-कोई, रो-रोड पर, ना- निकले) बताना हो या फिर अचानक नोटबंदी का फैसला लेना हो। हर बार उन्होंने लीक से हटकर काम किया। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक इसके बड़े उदाहरण हैं।
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