बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रभारी सतीश अग्निहोत्री बर्खास्त, अब सीबीआई करेगी पूरे प्रकरण की जांच

सीबीआई को यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि क्या अग्निहोत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कोई अपराध बनता है और छह महीने के भीतर या 12 दिसंबर, 2022 से पहले लोकपाल कार्यालय को जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

नई दिल्ली। रेलवे ने NHSRCL के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। अग्निहोत्री, भारत सरकार की प्रतिष्ठित बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रभारी थे। राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) के परियोजना निदेशक राजेंद्र प्रसाद को तीन महीने के लिए कार्यभार सौंपा गया है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अग्निहोत्री के खिलाफ आधिकारिक पद के दुरुपयोग और एक निजी कंपनी को अनाधिकृत तरीके से धन का उपयोग करने सहित कई आरोप थे। 

लोकपाल कोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्रवाई

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रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि श्री अग्निहोत्री की सेवाओं को समाप्त करने का निर्णय 2 जून के लोकपाल अदालत के आदेश के बाद आया है जिसमें सीबीआई को एनएचएसआरसीएल के पूर्व एमडी द्वारा अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान एक निजी कंपनी के साथ कथित तौर पर क्विड प्रो क्वो सौदे के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया था। 

लोकपाल ने दिया सीबीआई जांच का आदेश

लोकपाल अदालत ने सीबीआई को यह पता लगाने का निर्देश दिया है कि क्या अग्निहोत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कोई अपराध बनता है और छह महीने के भीतर या 12 दिसंबर, 2022 से पहले लोकपाल कार्यालय को जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

अग्निहोत्री की सेवा समाप्त

NHSRCL के कंपनी सचिव को संबोधित रेलवे बोर्ड ने पत्र में बताया है कि सक्षम प्राधिकारी ने सतीश अग्निहोत्री की सेवा को समाप्त करने की मंजूरी दे दी है। उन्हें तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करने का निर्देश दिया गया है।

क्या है NHSRCL?

NHSRCL हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं को लागू करने के लिए भारत सरकार और भाग लेने वाले राज्यों का एक संयुक्त उद्यम है। अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि अग्निहोत्री ने अपनी सेवानिवृत्ति के एक साल के भीतर एक निजी फर्म में नौकरी कर ली। यह सरकारी नियमों का उल्लंघन था जो सेवानिवृत्त अधिकारियों को केंद्र की मंजूरी के बिना सेवानिवृत्ति के एक वर्ष से पहले व्यावसायिक रोजगार स्वीकार करने से रोकता है।

श्री अग्निहोत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ नौकरशाह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने किसी विशेष कंपनी का समर्थन नहीं किया था और न ही उनके बेटे ने ऐसी किसी भी फर्म में काम किया, जिसे ऐसे काम मिले। अग्निहोत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने डीओपीटी को पत्र लिखकर फर्म में शामिल होने से पहले एक साल की कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की मांग की थी।

बैचमेट की शिकायत के बाद 

अधिकारियों ने कहा कि उनके खिलाफ शिकायत उनके एक बैचमेट ने NHSRCL के प्रमुख की प्रतिष्ठित नौकरी हासिल करने के बाद की थी, जो मुंबई और अहमदाबाद के बीच सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी है।

IRSE अधिकारी अग्निहोत्री 2021 में NHSRCL में हुए शामिल

1982-बैच के IRSE अधिकारी, अग्निहोत्री जुलाई 2021 में NHSRCL में शामिल हुए। इससे पहले वे रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। उन्हें मेगा रेल परियोजनाओं के कार्यान्वयन में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्होंने जुलाई 2012 से अगस्त 2018 तक आरवीएनएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएसआरसी) के अध्यक्ष का पद भी संभाला। एचएसआरसी विभिन्न उच्च गति अध्ययनों को अंजाम देने के लिए भारतीय पक्ष की एजेंसी थी, जो चीन और स्पेन के साथ सरकार-से-सरकार के आधार पर किए गए थे।

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