पैंगबर प्रकरण: पश्चिम बंगाल में हिंसा पर सेना तैनाती के लिए याचिका, हाईकोर्ट ने कहा-राज्य की पुलिस संभाल लेगी

Prophet controversial remarks row:पैगंबर मुहम्मद पर बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी। नुपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद देश-विदेश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। देश के एक दर्जन के आसपास राज्यों में हिंसात्मक प्रदर्शन की सूचना है।
 

कोलकाता। बीजेपी (BJP) के निलंबित प्रवक्ताओं द्वारा विवादित टिप्पणियों के बाद देश में फैली हिंसा की आग की लपटें पश्चिम बंगाल (West Bengal) तक पहुंच चुकी हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने सोमवार को राज्य सरकार से स्थितियों को संभालने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करनी चाहिए कि कोई अप्रिय घटना न हो। हाईकोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि स्थितियों को नियंत्रित करने में स्थानीय पुलिस विफल रहती है तो केंद्रीय बलों को तत्काल बुलाया जाए। अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले महाधिवक्ता की प्रार्थना पर 15 जून को स्थिति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

चीफ जस्टिस ने कहा-राज्य सरकार से पूरी उम्मीद

Latest Videos

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव (Chief Justice Prakash Srivastava) की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने उम्मीद जताई कि राज्य के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे कि कोई अप्रिय घटना न हो और शांति बनी रहे। अदालत ने निर्देश दिया कि यदि राज्य पुलिस किसी भी स्थान पर स्थिति को नियंत्रित करने में असमर्थ है तो राज्य के अधिकारी केंद्रीय बलों को बुलाने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे।

हाईकोर्ट में सेना की तैनाती के लिए याचिका

भाजपा की बर्खास्त प्रवक्ता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणियों के खिलाफ हावड़ा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सेना की तैनाती के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की गई थी। पांच याचिकाकर्ताओं में से एक ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए खंडपीठ के समक्ष प्रार्थना की, जिसमें दावा किया गया कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों की आगजनी और तोड़फोड़ राष्ट्रीय अखंडता को प्रभावित कर रही है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि नौ जून को हावड़ा जिले के अंकुरहाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग 16 को कई घंटों के लिए अवरुद्ध कर दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थिति का जवाब देने में राज्य पुलिस की ओर से पूरी तरह से विफलता थी। आरोप लगाया गया कि एक अनियंत्रित भीड़ द्वारा घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। याचिकाकर्ताओं में से एक ने हावड़ा जिले के रघुदेवपुर में भाजपा पार्टी कार्यालय के अलावा उन लोगों के नामों की सूची दी, जिनके प्रतिष्ठान या वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे।

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने दी जानकारी

न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की पीठ ने निर्देश दिया कि मामले को 15 जून को फिर से सुनवाई के लिए लिया जाएगा। महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी (SN Mukherjee) ने प्रार्थना का विरोध करते हुए दावा किया कि नदिया के बेथुआदहरी में एक यात्री ट्रेन को नुकसान की एक घटना के अलावा, राज्य में लगभग 36 घंटों में कोई हिंसक विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ है। उन्होंने पीठ के समक्ष यह भी कहा कि 214 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और प्रभावित स्थानों पर इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने के अलावा निषेधाज्ञा भी लगाई गई है। मुखर्जी ने आगे दावा किया कि कई राज्यों में हुए विरोध प्रदर्शनों ने अधिकारियों को आश्चर्यचकित कर दिया है। एजी से यह पूछने पर कि क्या संपत्ति के नुकसान की लागत आरोपी से वसूल की जाएगी, पीठ ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं होना चाहिए क्योंकि ये बहुत प्रयास से किए गए हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
UP bypoll Election 2024: 3 सीटें जहां BJP के अपनों ने बढ़ाई टेंशन, होने जा रहा बड़ा नुकसान!
Maharashtra Election: CM पद के लिए कई दावेदार, कौन बनेगा महामुकाबले के बाद 'मुख्य' किरदार
SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
'मणिपुर को तबाह करने में मोदी साझेदार' कांग्रेस ने पूछा क्यों फूल रहे पीएम और अमित शाह के हाथ-पांव?