पशु तस्करी घोटाले की जांच कर रही CBI ने बीरभूम में राइस मिल पर किया रेड, अनुब्रत मंडल के भतीजे की है मिल

टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने 11 अगस्त को बोलपुर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। मंडल को सीबीआई ने पशु तस्करी स्कैम (Cattle smuggling scam) में अरेस्ट किया था। 

Dheerendra Gopal | Published : Aug 22, 2022 12:37 PM IST / Updated: Aug 22 2022, 06:22 PM IST

कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले की एक राइस मिल पर सीबीआई (CBI Raid) ने सोमवार को रेड किया। यह राइस मिल कथित तौर पर टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल (ANubrata Mondal) के रिश्तेदारों का बताया जा रहा है। मंडल को बीते दिनों सीबीआई ने पशु तस्करी स्कैम (Cattle smuggling scam) में अरेस्ट किया था। मंडल को सीबीआई ने 11 अगस्त को बोलपुर स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि पशु तस्करी से संबंधित काफी सबूत इस बंद राइस मिल से मिल सकता है। 

मंडल के रिश्तेदारों के मालिकाना हक में कई राइस मिल्स

पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी घोटाले में गिरफ्तार अनुब्रत मंडल के परिजन व रिश्तेदारों के स्वामित्व में एक दर्जन से अधिक राइस मिल्स हैं। इसके अलावा स्वयं मंडल के स्वामित्व में करीब 11-12 मिल्स हैं सीबीआई को आशंका है कि अनुब्रत मंडल, इन राइस मिल्स की आड़ में पशु तस्करी को अंजाम देता था। 

सबूत इकट्ठा करने के लिए सीबीआई कर रही है रेड

अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई लगातार पशु तस्करी केस में रेड कर रही है। सीबीआई ने कई बार एफसीआई के अधिकारियों के साथ मिलकर विभिन्न राइस मिल्स पर रेड कर चुकी है।सीबीआई को इस रेड में कई हाई-एंड वाले वाहन मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन वाहनों का इस्तेमाल पशु तस्करी में किया जाता होगा। सोमवार को जिस राइस मिल पर रेड किया गया है वह अनुब्रत मंडल के भतीजा का है, जो खुद भी टीएमसी की राजनीति करता है। 

पशु तस्करी केस में एक दर्जन आरोपी

सीबीआई ने पशु तस्करी मामले में चार चार्जशीट दाखिल की हैं और 11 आरोपियों को नामजद किया है। इस मामले में मंडल के अंगरक्षक सहगल हुसैन को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल के अंगरक्षक ने पशु तस्करों और मंडल के बीच धन पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीबीआई का दावा है कि हुसैन ने करोड़ों रुपये की संपत्ति भी अर्जित की है। सीबीआई और ईडी ने बीरभूम में 3 अगस्त को भी रेड किया था। संयुक्त टीम को 6 हिस्सों में बांट दिया गया था। टीम ने नानूर के बसापारा के सतरा गांव में जिला परिषद के कार्य निदेशक और तृणमूल नेता करीम खान के घर को सर्च किया था। नानूर में ही करीम के करीबी जियारुल हक उर्फ ​​मुक्तर के अतखुला घर की भी तलाशी ली थी। पाइकपारा में सुभाष पल्ली, सरखा पल्ली और पत्थर व्यापारी तुलु मंडल के 3 घरों पर भी सीबीआई ने छापा मारा था।

CBI ने अरेस्ट के पहले दस समन भेजे थे

सीबीआई ने बुधवार(10 अगस्त) को नई दिल्ली में अपने मुख्यालय को एक रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के अनुसार टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल कथित पशु तस्करी के सिलसिले में 10वीं बार जांच के लिए पेश नहीं हुए। उन्होंने और समय कैसे मांगा था। मंडल के वकीलों ने CBI को सूचित किया था कि पूछताछ के लिए पेश होने से पहले उन्हें 15 दिन का समय चाहिए। एजेंसी ने उन्हें मंगलवार को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुधवार सुबह 11 बजे तक पेश होने के लिए तलब किया था।

केष्टो मंडल के नाम से प्रसिद्ध

अणुव्रत मंडल को केष्टो मंडल के नाम से क्षेत्र में जाना जाता है। वह बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस के प्रमुख हैं। मंडल डब्ल्यूबीएसआरडीए के चेयरमैन भी हैं। वे कई विवादों में घिरे रहे हैं। 1960 के दशक में जन्मे अणुव्रत मंडल बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में एक हैं। जुलाई, 2013 में जब बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे, तब अणुव्रत मंडल ने तृणमूल कार्यकर्ताओं से खुलेआम कहा था कि वो पुलिस पर बम फेंकें और निर्दलीय उम्मीदवारों के घरों को जला दें।

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