Satyapal Malik: J&K के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर CBI का छापा, जानें पूरा मामला

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों सहित 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है।

सत्यपाल मलिक। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के परिसरों सहित 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक ये छापेमारी किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट अनुबंध देने से जुड़े कथित भ्रष्टाचार की जांच के तहत की गई है। जम्मू कश्मीर, बिहार, गोवा समेत मेघालय के राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक के घर CBI का छापा किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मामले की वजह से मारा है। किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक एक प्रोजेक्ट है, जिसे साल 2019 में किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर प्रस्तावित किया गया था। उस दौरान 2200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक सत्यपाल मलिक पर आरोप लगाया गया था कि उनको साल 2019 में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जुड़े फाइल को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकेश घूस के तौर पर की गई थी। उस वक्त जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश नहीं हुआ था. इसका मतलब ये है कि ये वाक्या 5 अगस्त 2019 तक आर्टिकल 370 के हटने से पहले का है।  

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बता दें कि सत्यपाल मलिक 23 अगस्त 2018 से लेकर 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे।  वहीं CBI ने किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मामले को लेकर बीते महीने भी दिल्ली समेत जम्मू कश्मीर में लगभग 8 जगहों पर छापा मारा था।

सत्यपाल मलिक की सियासी करियर

सत्यपाल मलिक की राजनीतिक करियर की बात करें तो उनके सियासी करियर की शुरुआत 1974 में बागपत से विधायक के रूप में हुई थी। इसके बाद वो साल 1980 में लोकदल से संसद के उच्च सदन में राज्यसभा पहुंचे। इसके बाद वो यूपी अलीगढ़ से MP बने। सत्यपाल मलिक को साल 1996 में समाजवादी पार्टी (SP)की तरफ से टिकट मिला। हालांकि, वो चुनाव हार गए। इसके 8 साल के बाद यानी 2004 में बीजेपी का हिस्सा बने और चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी किस्मत ने एक बार फिर उनका साथ नहीं दिया और वो चुनाव हार गए। 

हालांकि इसके बाद भी बीजेपी में उनका कद बढ़ता गया. 2012 में उन्हें बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था। इसके बाद उन्हें धीरे-धीरे 4 राज्यों का राज्यपाल बनाया गया, जिसमें बिहार (2017), जम्मू कश्मीर (2018), गोवा (2019) और मेघालय (2020) शामिल है।

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