28 साल पहले आज ही के दिन हुई थी Asianet News की शुरुआत, सफलता से भरा है यह सफर

Published : Sep 30, 2023, 01:31 PM IST
Asianet News

सार

एशियानेट न्यूज की शुरुआत 30 सितंबर 1995 को शाम 7:30 बजे हुई थी। इसकी 28 साल की यह यात्रा सफलताओं से भरी है। 

तिरुवनंतपुरम। एशियानेट न्यूज समाचार मीडिया के क्षेत्र में अपनी उल्लेखनीय 28 साल की यात्रा का जश्न मना रहा है। 30 सितंबर 1995 को शाम 7:30 बजे मलयालम टेलीविजन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण सामने आया था। एशियानेट न्यूज के रूप में पहले गैर-सरकारी स्वतंत्र टेलीविजन न्यूज चैनल की शुरुआत हुई थी। एशियानेट न्यूज की 28 साल की यह यात्रा सफलताओं से भरी है।

एशियानेट न्यूज की यात्रा सुबिक खाड़ी से शुरू हुई थी। इसने दर्शकों को एक अनोखा अनुभव दिया। बाद में एशियानेट न्यूज को सिंगापुर शिफ्ट कर दिया गया। 1996 में दुनिया भर में मलयाली लोगों ने एशियानेट न्यूज के माध्यम से लाइव प्रसारण और विश्लेषण देखा। 1997 एशियानेट न्यूज को एक निजी टेलीविजन चैनल के रूप में खोलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।

एशियानेट न्यूज ने अपना परिचालन बीएसएनएल केंद्र तक पहुंचाया। इससे केरल के लोगों के सामने जीवन की वास्तविकताएं आईं। एशियानेट न्यूज ने एड्स से जूझ रही सुशीला जैसे लोगों की कहानियों को प्रकाश में लाया। नक्सली अधिकारी वर्गीस की स्टोरी दिखाई, जिसे उच्च अधिकारियों के आदेशानुसार गोली मार दी गई थी। इसके साथ ही मावूर विरोध की कहानी और कई अन्य गंभीर प्रयासों को दुनिया के सामने पेश किया। साप्ताहिक कार्यक्रम "एंटे नोटाथिल" (जिसमें नंबूथिरीपाद शामिल थे) उस समय भी सफल रहा था।

भारतीय मीडिया के इतिहास में शायद यह पहली बार होगा कि कोई मुख्यमंत्री आम आदमी की शिकायतें सुने और समाधान सुझाए। एशियानेट न्यूज ने 1999 में कारगिल युद्ध, 2001 में गुजरात भूकंप, दिसंबर 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला और भारतीय संसद पर आतंकवादी हमले जैसी प्रमुख घटनाओं को कवर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

केरल में 2018 में विनाशकारी बाढ़ आया था। इस दौरान एशियानेट न्यूज सूचना और सहायता का महत्वपूर्ण स्रोत बना था। कोरोना महामारी के दौरान चैनल ने समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए सहायता प्रदान करने के लिए अपनी पहुंच बढ़ाई। चैनल ने यूक्रेन युद्ध सहित कई अंतरराष्ट्रीय घटनाओं को रिपोर्ट किया।

एशियानेट न्यूज ने देश भर में मलयाली लोगों के लिए समर्थन के स्तंभ के रूप में अपनी स्थिति स्थापित की है। उनके खुशी और दुख दोनों क्षणों के दौरान सांत्वना और जानकारी प्रदान की है। 2001 में गुजरात विनाशकारी भूकंप आया था। इस दौरान चैनल ने लोगों की आवाज बनने की अपनी प्रतिबद्धता का उदाहरण देते हुए जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया था।

एशियानेट न्यूज ने कई खोजी श्रृंखलाओं को प्रसारित किया। इससे लोगों को जानकारी मिली, इसके साथ ही धूम्रपान और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा मिला। इसके चलते चैनल ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में एक रिकॉर्ड अर्जित किया। एशियानेट न्यूज ने नयनार, करुणाकरण, गौरी अम्मा और ओमन चांडी सहित कई बड़े राजनेताओं की यात्रा को भी कवर किया है।

हालांकि, एशियानेट न्यूज को एक अविस्मरणीय दिन का सामना करना पड़ा जब 30 जनवरी 2016 को प्रधान संपादक टी.एन. गोपकुमार का निधन हो गया। एशियानेट न्यूज जनता के सामने सच्चाई लाना जारी रखेगा- 'सीधा, साहसी, अथक'।

PREV

Recommended Stories

इंडिगो ने DGCA को बताए 5 ऑपरेशनल फेल्योर, पर रूट कॉज़ एनालिसिस अधूरा, असली वजह अब भी पता नहीं?
CCTV में दिखी अजीब हरकत-शादी में आए विदेशी मेहमान की मौत का सच क्या है?