किसानों के हठ पर बोले कृषि मंत्री-'जब सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अमल पर रोक लगाई है, फिर धरना किसलिए?'

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों पर फिलहाल रोक लगाए जाने के बावजूद किसान आंदोलन पर डटे हैं। वे 26 जनवरी को यानी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकालने पर अड़े हैं। इसे लेकर कृषि मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी किसान धरने पर क्यों बैठे हैं?

Asianet News Hindi | Published : Jan 17, 2021 8:53 AM IST / Updated: Jan 17 2021, 03:32 PM IST

नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद किसानों का धरना जारी है। यही नहीं, किसान संगठन ने 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकालने पर अड़े हैं। इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कानून के अमल पर रोक लगा दी है, फिर किसान धरने पर क्यों बैठे हैं? अगर उनकी कोई दूसरी मांग है, तो बताई जाए, सरकार उस पर चर्चा करने का तैयार है। 

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान यूनियनों को एक प्रस्ताव भेजा था। इसमें मंडियों, व्यापारियों के पंजीकरण और अन्य आशंकाओं को दूर करने की बात कही गई थी। वहीं, सरकार पराली जलाने और बिजली जैसे कानून पर भी बातचीत को सहमत  थी। लेकिन किसान कानून निरस्त कराना चाहते हैं। तोमर ने कहा कि कोई कानून पूरे देश के लिए बनता है। किसान सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई कमेटी में अपनी बात रखी सकती है। बता दें कि रविवार को किसान आंदोलन का 53 वां दिन है। 

अगली रणनीति पर चर्चा...
रविवार को सिंघु बार्डर पर किसान मोर्चा की बैठक रखी गई। इसमें 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च के रूट प्लान और अगली रणनीति पर चर्चा हुई। बता दें किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें राउंड की बैठक 19 जनवरी को होगी।

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