Chandrayaan-3: इसरो ने शेयर किया ताजा वीडियो, बताया कैसे प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा पर खोजा सल्फर, WATCH

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने मिशन चंद्रयान-3 से जुड़ा ताजा वीडियो शेयर किया है। इसमें बताया गया है कि प्रज्ञान रोवर ने कैसे चांद की सतह पर सल्फर की खोज की है।

 

Vivek Kumar | Published : Aug 31, 2023 8:28 AM IST / Updated: Aug 31 2023, 02:00 PM IST

नई दिल्ली। इसरो (ISRO) ने अपने मिशन मून से जुड़े नए वीडियो को शेयर किया है। यह वीडियो प्रज्ञान रोवर का है। प्रज्ञान ने चांद की सतह पर सल्फर की खोज की है। वीडियो में इसी घटना को दिखाया गया है। रोवर पर लगे उपकरण अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोप (APXS) ने सल्फर के साथ ही अन्य तत्वों का भी पता लगाया है।

चांद की सतह पर सल्फर मिलने का मतलब है कि यहां ज्वालामुखीय विस्फोट या उल्कापिंड के टकराने जैसी घटना हुई है। वीडियो में एक ऑटोमैटिक हिंज मैकेनिज्म को दिखाया गया है। यह 18 सेमी लंबे एपीएक्सएस को घुमाता है। इससे डिटेक्टर हेड चंद्र की सतह के करीब 5 सेमी की दूरी तक पहुंचता है।

 

 

चट्टानों की मौलिक संरचना की जांच करता है APXS

इसरो ने बताया है कि APXS उपकरण चंद्रमा जैसे कम वायुमंडल वाले ग्रह पिंडों की सतह पर मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना की जांच के लिए सबसे उपयुक्त है। इसमें रेडियोधर्मी स्रोत होते हैं। ये सतह के नमूने पर अल्फा कण और एक्स-रे उत्सर्जित करते हैं। नमूने में मौजूद परमाणु बदले में मौजूद तत्वों के अनुरूप खास एक्स-रे लाइनें उत्सर्जित करते हैं। इससे पता चलता है कि जिस सैंपल की जांच की जा रही है उसमें कौन से तत्व हैं।

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APXS ने चांद पर एल्यूमीनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम, आयरन जैसे प्रमुख अपेक्षित तत्वों के अलावा, सल्फर समेत दिलचस्प छोटे तत्वों की उपस्थिति की खोज की है। प्रज्ञान रोवर पर लगे LIBS उपकरण ने भी सल्फर की उपस्थिति की पुष्टि की थी। APXS को PRL (Physical Research Laboratory) अहमदाबाद द्वारा SAC (Space Application Centre) की मदद से विकसित किया गया है।

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