सार

इसरो (ISRO) दो सितंबर को 11:50 बजे आदित्य एल-1 लॉन्च करेगी। यह भारत का पहला सूर्य मिशन है। अंतरिक्ष यान आदित्य को धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर L1 प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा।

बेंगलुरु। भारत अपने अगले स्पेस मिशन के लिए तैयार है। इसरो (ISRO) द्वारा दो सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित स्पेस सेंटर से 11:50 बजे आदित्य एल-1 लॉन्च किया जाएगा। यह इसरो का पहला सूर्य मिशन है।

इसरो अपने अंतरिक्ष यान आदित्य को धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर L1 (Lagrange) प्वाइंट पर स्थापित करेगी। यहां से आदित्य एल वन सूरज के कोरोना (सबसे बाहरी सतह) की जांच करेगा। लैग्रेंज पॉइंट अंतरिक्ष में वे क्षेत्र हैं जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित हो जाता है। इस क्षेत्र में अंतरिक्ष यान बिना अधिक ऊर्जा खर्च किए लंबे वक्त तक रह सकता है।

लैग्रेंज पॉइंट फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है। उन्होंने 18वीं शताब्दी में इसका पता लगाया था। पृथ्वी-सूर्य प्रणाली जैसी प्रणाली में पांच लैग्रेंज बिंदु होते हैं, जिन्हें L1 से L5 नाम दिया गया है। एल1 और एल2 धरती के सबसे नजदीक हैं। ये रिसर्च के लिए अंतरिक्ष यान भेजने के लिए उपयुक्त स्थान हैं।

आदित्य-एल1 सौर मिशन का लक्ष्य

इसरो ने बताया है कि आदित्य एल1 मिशन का लक्ष्य सूर्य के ऊपरी वायुमंडल (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) की गतिशीलता का अध्ययन करना है। यह सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र की टोपोलॉजी और सौर कोरोना चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा। सूर्य की सतह से हवा के तूफान उठते हैं। आदित्य एल1 द्वारा इसकी भी जांच की जाएगी। आदित्य से पता लगाया जाएगा कि कोरोनल मास इजेक्शन कैसे शुरू होता है और यह क्यों भड़कता है।

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आदित्य एल1 सौर मिशन का बजट

इसरो के आदित्य एल 1 सौर मिशन का कुल बजट करीब 400 करोड़ है। इसे PSLV-C57 रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में पहुंचाया जाएगा। इसके बाद आदित्य एल 1 के इंजन काम शुरू करेंगे और यह अपने सफर पर आगे बढ़ेगा। आदित्य एल 1 की लॉन्चिंग को इसरो के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है।