इसरो ने रचा इतिहास, लैंडर विक्रम को चन्द्रयान से सफलतापूर्वक किया अलग

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने रचा इतिहास, सफलतापूर्वक अलग किया लैंडर विक्रम को चन्द्रयान से

Asianet News Hindi | Published : Sep 2, 2019 7:20 AM IST / Updated: Sep 02 2019, 04:41 PM IST

बेंगलूरू. इसरो के इतिहास रचने में सफल रहे। आज 2 सितंबर को सितंबर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से लैंडर 'विक्रम' को सफलतापूर्वक अलग कर दिया। इस प्रक्रिया को दोपहर 12.45 बजे से शुरू किया था। जो दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर लैंडर 'विक्रम' आर्बिटर को छोड़कर अलग हो गया। अब लैंडर 'विक्रम' सात सितंबर को रात 1.55 बजे चंद्रमा की सतह पर लैंड करेगा। लैंडर 'विक्रम' 04 सितंबर को चांद के सबसे नजदीकी कक्षा में 35x97 होगा। 

चन्द्रयान-2 ने सफलता पूर्वक पांचवी और आखिरी कक्षा में रविवार शाम 6 बजकर 21 मिनट पर प्रवेश किया था। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद यान के पथ में यह पांचवां और आखिरी बदलाव था। इसरो वैज्ञानिकों ने बताया कि दो सितंबर को होने वाला सेपरेशन काफी तेज था। यह उतनी ही गति से अलग हुआ जितनी गति से कोई सेटेलाइट लॉन्‍चर रॉकेट से अलग होता है। 

भारत ने पहले कभी नहीं किया ऐसा
इसरो चेयरमैन के सिवन के अनुसार लैंडर विक्रम दो बार परिक्रमा पथ पर अपनी जगह बदलेगा और इसके बाद वह चंद्रमा पर उतरने के लिए बढ़ चलेगा। इस सफर की शुरूआत भारत से 22 जुलाई को हुई थी। बेहद रोमांचक चन्द्रयान-2 के इस सफर ने 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। चन्द्रयान को सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया से पहुंचाया जाएगा। जो काफी रोमांचक और तनाव भरा समय होगा, इस तरह के काम को भारत पहली बार अंजाम देने जा रहा है।

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